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मुंबई, 31 जुलाई, (हि. स.)। देशभर में पीएम श्री योजना के अंतर्गत जवाहर नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न स्तर पर संकुल, विभागीय, राज्य और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) स्तर पर उल्लेखनीय कार्य किया गया है। पर, नवोदय विद्यालय के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राज्य और केंद्र सरकारों की खेल श्रेणी की नौकरियों में आवश्यक मान्यता न मिलने के कारण अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर पालघर के सांसद डॉ. हेमंत विष्णु सवरा ने लोकसभा में नियम 377 के तहत सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नवोदय विद्यालय समिति द्वारा जारी खेल प्रमाणपत्र कई राज्यों में मान्यता प्राप्त नहीं हैं, इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों को नौकरी के अवसर गंवाने पड़ते हैं। डॉ. सवरा ने मांग किया कि नवोदय विद्यालय के खिलाड़ियों को प्राप्त राज्य/राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणपत्रों को सभी राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए। इसके साथ ही नवोदय विद्यालय के खिलाड़ियों को केंद्र और राज्य सरकारों के खेल कोटे में समान अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गुजरात और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में यह मान्यता पहले से ही मौजूद है और अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए। डॉ. सवरा ने कहा कि यह मुद्दा केवल नवोदय विद्यालयों तक सीमित नहीं है, इससे ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा और खेलो इंडिया अभियान को बल मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / कुमार