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- मौजूदा उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त
नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह अगले उप सेना प्रमुख (वीसीओएएस) होंगे। मौजूदा उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि सेना में 39 वर्षों की सेवा के बाद गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए। नए वीसीओएएस 01 अगस्त को अगले उप सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करेंगे। उन्हें लेबनान और श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में विदेशी युद्ध का अनुभव है।
अगले उप सेना प्रमुख भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिसंबर, 1987 में 4 पैरा (विशेष बल) में कमीशन दिया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेन्द्र सिंह 01 अगस्त को अगले उप सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करेंगे। तीन दशकों से भी अधिक के शानदार करियर के साथ उन्होंने ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन ऑर्किड में भाग लिया है। उन्हें लेबनान और श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में विदेशी युद्ध का अनुभव है।
उन्होंने अप्रैल, 2022 में राइजिंग स्टार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग का पदभार संभाला था। 2005 में स्थापित यह कोर हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के दक्षिण-पूर्व में कांगड़ा घाटी के योल छावनी शहर में स्थित है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने अपने करियर में विभिन्न नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। उनकी सेवाओं को अति विशिष्ट सेवा पदक और सेना पदक से सम्मानित किया गया है, जो उन्हें दो बार प्रदान किए जा चुके हैं। भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र सिंह की शैक्षिक पृष्ठभूमि ने उनके नेतृत्व कौशल और रणनीतिक सोच को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि 39 वर्षों के शानदार सैन्य करियर के बाद आज सेना उप प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हो गए। उनकी सेना में विशिष्ट यात्रा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से शुरू हुई और दिसंबर, 1985 में उन्हें गढ़वाल राइफल्स में कमीशन मिला। असाधारण शैक्षणिक क्षमता वाले इस अधिकारी ने किंग्स कॉलेज, लंदन से कला में स्नातकोत्तर की उपाधि और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एमफिल की उपाधि प्राप्त की है।
लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि ने अपने पूरे करियर के दौरान विविध परिचालन और भू-भाग प्रोफाइल में कमांड, स्टाफ और अनुदेशात्मक पदों की एक विस्तृत श्रृंखला संभाली है। सामरिक और सामरिक गतिशीलता, विशेष रूप से पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर उनकी उनकी गहरी समझ ने परिचालन तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम