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भाेपाल, 31 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चाैथे दिन गुरुवार काे सदन में विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा। मध्य प्रदेश विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आई हुई है, और सरकार अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है।
उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि जहां मीडिया की पहुंच नहीं होती, ऐसे दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और वहां त्वरित कार्रवाई नहीं हो पाती। सरकार अपराधों का वर्गीकरण कर आंकड़ों को छिपाने का प्रयास कर रही है, जबकि ज़मीनी सच्चाई यह है कि प्रदेश में 21,000 से अधिक बेटियां और महिलाएं लापता हैं। नेता प्रतिपक्ष ने अलग-अलग महीनों के बड़े अपराधों का जिक्र करते हुए कहा कि गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है और विधायकों पर ही झूठे प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, तो इससे स्पष्ट है कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने गुजरात में पकड़े गए 1800 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले का जिक्र करते हुए कहा कि अब प्रदेश में शारिक मछली, शरीफ मछली जैसे तस्कर भी सामने आ रहे हैं, और उन्हें छुड़ाने में सरकार के लोग खुद लगे हुए हैं। यह दर्शाता है कि ड्रग्स माफिया को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। इसके बाद सरकार की ओर से कानून व्यवस्था पर दिए गए जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में विरोध किया और बाद में वॉकआउट कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे