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नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया है कि वो राजपूताना राइफल्स के जवानों के लिए बैले ब्रिज के निर्माण के लिए 25 लाख रुपये सेना को उपलब्ध कराएं। जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि 25 लाख रुपये का भुगतान मिलने के बाद बैले ब्रिज के निर्माण से जुड़ी सभी प्रकियाएं समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएं।
पीडब्ल्यूडी विभाग ने न्यायालय को बताया कि राजपूताना राइफल्स के लिए फुट ओवरब्रिज के निर्माण में दस महीने लगेंगे, जबकि सेना 40 दिनों के अंदर बैले ब्रिज का निर्माण कर लेगी। उसके बाद न्यायालय ने पीडब्ल्यूडी को 25 लाख रुपये सेना को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि वो फुटओवर ब्रिज के निर्माण के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया भी जल्द शुरु करे।
दरअसल, राजपूताना राइफल्स के जवान रोजाना सुबह अपनी बैरक से निकलकर एक गंदे नाले से होकर परेड ग्राउंड पहुंचते हैं। आज न्यायालय ने निर्देश दिया कि इस नाले में पानी नहीं भरना चाहिए, ताकि सैनिकों की आवाजाही में कोई समस्या न हो। इसलिए कोर्ट ने 18 जून को दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया था कि वो इस मामले के जल्द समाधान के लिए एक संयुक्त बैठक करें, ताकि सैनिक रोजाना परेड करने जा सकें।
न्यायालय ने दिल्ली कैंटोनमेंटबोर्ड को निर्देश दिया था कि वो सेना की दूसरी एजेंसियों की सेवा लेने के लिए स्वतंत्र है। न्यायालय ने कहा कि इस फुट ओवरब्रिज के निर्माण की लागत, डिजाइन और उसकी समय सीमा संबंधित रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल की जाए। न्यायालय ने कहा कि फुट ओवरब्रिज की लागत खर्च पीडब्ल्यूडी वहन करेगा। न्यायालय ने कहा था कि पीडब्ल्यूडी की ओर से इस फुट ओवरब्रिज के निर्माण की स्वीकृति काफी पहले ही दी गई थी, लेकिन अब तक इसका निर्माण नहीं किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह