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किसानों की खरीफ की फसलें बाढ़ के पानी में हुई जलमग्न
हमीरपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना और बेतवा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैद है। नदी किनारे बसे गांवों में अधिकारियों ने डेरा डाल दिया है और मुनादी कराकर लोगों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की अपील की जा रही है।
यमुना और बेतवा नदियां गुरूवार काे हमीरपुर में खतरे के निशान काे पार कर बह रही हैं। नदियाें में आए उफान के चलते जिले के निचले इलाकों खासतौर पर मुख्यालय में जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने 36 बाढ़ चौकियां और 28 शरण स्थल चिह्नित कर लिए हैं। पीएसी की तैनाती की गई है, ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। शहर में पानी घुसने वाले मार्गों को पहले ही सील कर दिया गया है ताकि आपात स्थिति को रोका जा सके।
एडीएम विजय शंकर तिवारी ने जानकारी दी कि जिले में बाढ़ से 183 गांव प्रभावित हो सकते हैं। जिसमें सदर तहसील के 90 गांव, मौदहा के 49 गांव, राठ के 20 गांव, सरीला सरीला के 24 गांव शामिल हैं। इनमें से यमुना और बेतवा नदी के किनारे बसे 34 गांव विशेष रूप से अत्यधिक प्रभावित हैं। 33 गांव सदर तहसील के हैं, जबकि एक गांव सरीला क्षेत्र का है।
ईंधन और राहत व्यवस्था पर भी प्रशासन का जोरजिले में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए 68 पेट्रोल पंपों पर ईंधन का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया गया है, ताकि राहत और बचाव कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए। प्रशासन ने बाढ़ संभावित गांवों में लाउडस्पीकरों के माध्यम से मुनादी शुरू कर दी है। ग्रामीणों से लगातार अपील की जा रही है कि वे अपना घर छोड़कर ऊंचाई वाले स्थानों की ओर जाएं। प्रशासन की ओर से बनाए गए शरण स्थलों पर रुके।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा