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जम्मू, 31 जुलाई (हि.स.)। संस्कृत मास के पावन अवसर पर देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं सामाजिक जागरूकता के उद्देश्य से आज दीवान देवी हायर सेकेंडरी स्कूल, शक्ति नगर (निकट बावा प्लेस), जम्मू के सभागार में एकदिवसीय व्याख्यान एवं संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट एवं दीवान देवी हाई स्कूल, जम्मू के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजीव वर्मा, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जम्मू-कश्मीर, विशिष्ट अतिथि कामेश्वर पुरी, पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशंस एवं साइबर क्राइम), तथा मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप दत्ता उपस्थित रहे। इस व्याख्यान श्रृंखला का उद्देश्य युवाओं एवं विद्यार्थियों को नशे की लत से बचाव, साइबर अपराधों से सुरक्षा तथा चाइनीज मांझे (गट्टू) से होने वाले खतरों के प्रति जागरूक करना था। साथ ही, संस्कृत भाषा की सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक प्रासंगिकता को रेखांकित करना भी इस आयोजन का एक प्रमुख लक्ष्य रहा।
मुख्य अतिथि संजीव वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा, नशा एक सामाजिक बुराई है जो युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना देती है। ऐसे जागरूकता कार्यक्रम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। नशा आत्मचेतना को दबाता है, विवेक को कुंठित करता है और समाज को पतन की ओर ले जाता है। उन्होंने आगे कहा, संस्कृत भाषा सत्, शुद्धता और संयम का संदेश देती है, जो आज की सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रकाशपुंज का कार्य कर सकती है। वर्मा ने श्री कैलख ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री द्वारा संस्कृत के प्रचार के साथ-साथ समसामयिक विषयों पर कार्य करने के प्रयासों की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
विशिष्ट अतिथि कामेश्वर पुरी ने कहा, डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इनसे बचाव के लिए जनजागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सतर्कता, मजबूत पासवर्ड, दो-चरणीय सत्यापन, फर्जी लिंक से बचाव और बच्चों के डिजिटल व्यवहार पर निगरानी जैसे व्यावहारिक उपाय बताए। उन्होंने कहा, नशामुक्ति केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि नैतिक और सामाजिक चेतना का विषय है। संस्कृत श्लोक न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते का उल्लेख करते हुए उन्होंने ज्ञान को नशा मुक्ति का सर्वोत्तम साधन बताया।
मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप दत्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, मीडिया का कर्तव्य है कि वह समाज को सही दिशा दिखाए। नशा और साइबर अपराध दोनों ही आधुनिक समाज की जड़ें खोखली कर रहे हैं। इनके विरुद्ध संस्कृत संस्कारों का पुनरुत्थान, जागरूकता और संगठित प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान, विवेक और सांस्कृतिक जुड़ाव ही इस अंधकार को मिटा सकते हैं। प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विश्व गुप्ता ने चाइनीज मांझा के खतरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल मानवीय जीवन के लिए घातक है, बल्कि पक्षियों, जानवरों एवं विद्युत लाइनों के लिए भी अत्यंत जानलेवा है।
श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष, राज्य पुरस्कार प्राप्त विद्वान महंत रोहित शास्त्री ने कहा, संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। इसमें निहित नीति-सूक्तियाँ मनुष्य को आत्मसंयम, विवेक और धर्माचरण की ओर प्रेरित करती हैं। उन्होंने श्लोक धर्मो रक्षति रक्षितः का उल्लेख करते हुए कहा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा ही समाज की रक्षा है। दीवान देवी स्कूल के प्रबंध निदेशक अश्वनी सूरी ने कहा, हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों को न केवल किताबी ज्ञान, बल्कि जीवन के व्यावहारिक पक्षों से भी परिचित कराया जाए। यही उद्देश्य इस व्याख्यान श्रृंखला के पीछे रहा।
इस अवसर पर डॉ. विश्व गुप्ता, प्रमोद शर्मा, अमित जामवाल, लक्की शर्मा, हनी सिंह, उत्तम चंद शर्मा तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, अभिभावक, शिक्षक, बुद्धिजीवी एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा