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प्रयागराज, 31 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अवमानना के एक मामले में प्रमुख सचिव कारागार को नोटिस जारी कर न्यायालय के आदेश का पूरी तरह पालन करने या अगली सुनवाई पर उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे 74 वर्षीय संग्राम की अवमानना याचिका पर उसके अधिवक्ता को सुनकर दिया है। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने गत 19 मार्च को प्रदेश शासन को याची की समय पूर्व रिहाई पर तीन महीने के अंदर राज्य सरकार द्वारा तय नीति के अनुसार भेजे गए दस्तावेज को निस्तारित करने का आदेश दिया था। शासन ने तीन महीने में निर्णय नहीं लिया तो यह अवमानना याचिका की गई।
मामले के तथ्यों के अनुसार हत्या के अपराध में वाराणसी सेंट्रल जेल में सजा काट रहे गोरखपुर निवासी संग्राम पाल को कैंट थाना में दर्ज हत्या मामले में सेशन कोर्ट से वर्ष 2004 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। यह सजा हाईकोर्ट से बरकरार रही और सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी भी खारिज हो गई। समय पूर्व रिहाई के लिए याची का नाम आवश्यक दस्तावेज के साथ राज्य सरकार द्वारा तय नीति के अनुसार भेजा गया है। क्योंकि वह 74 वर्ष के अधिक उम्र का है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे