‘भारत गौरव रत्न श्री सम्मान’ समारोह में समाज सेवा के नायकों का सम्मान

‘भारत गौरव रत्न श्री सम्मान’ समारोह में समाज सेवा के नायकों का सम्मान


नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। 'भारत गौरव रत्न श्री सम्मान' समारोह गुरुवार को द अशोक होटल चाणक्यपुरी नई दिल्ली में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का उद्देश्य समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, सांस्कृतिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले असली नायकों को राष्ट्रीय मंच से सम्मानित करना रहा।

इस समारोह में देशभर के 150 से अधिक समाजसेवियों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, उद्यमियों एवं जमीनी बदलाव लाने वाले व्यक्तित्वों ने भाग लिया। समारोह में असम, नागालैंड एवं मिजोरम के पूर्व राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी, अभिनेत्री नुसरत भरूचा विशेष रूप से उपस्थित रहे। अतिथियों ने देशभर से चयनित कर्मयोद्धाओं को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में बिहार से डॉ. भीमराज प्रसाद (गया) एवं डॉ. अमरदीप कुमार (मधेपुरा) को एचडीएसी संस्था के राष्ट्रीय सदस्य एवं उपाध्यक्ष के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में सेवा हेतु सम्मान मिला। वहीं महाराष्ट्र से डॉ. कविता सोनी (मुंबई) को मानसिक स्वास्थ्य में योगदान हेतु एचडीएसी की ओर से राष्ट्रीय सदस्य के रूप में सम्मानित किया गया।

कर्नाटक से अंबेसडर डॉ. नीलीमा (बेंगलुरु) को हीलिंग और ह्यूमन रिसोर्स के क्षेत्र में, तथा सुषांत राजपूत को लेखन और प्रोफेशनल स्किल्स ट्रेनिंग में योगदान हेतु बीजीआरएसएससी संस्था द्वारा सम्मान मिला।

तेलंगाना के डॉ. विजय चंद्र टेंबुरी (हैदराबाद) को बिजनेस मैनेजमेंट में, पंजाब के डॉ. राजिंदर कोहली (मोगा) को सामाजिक सेवा में एचडीएसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ।

महाराष्ट्र के डॉ. कालसेकर एम. हुसैन को डिजिटल मार्केटिंग में कार्य हेतु राष्ट्रीय अशोक सम्मान व डब्ल्यूएचआरपीसी द्वारा सराहा गया।

तमिलनाडु से आर. कुंजीथापदम को ज्योतिष, न्यूमरोलॉजी और हस्तरेखा विज्ञान में 60 वर्षों की निःस्वार्थ सेवा हेतु बीजीआरएसएससी द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय गरिमा प्रदान करने के लिए 10 से अधिक देशों के राजनयिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

आयोजन के निदेशक डॉ. तपन कुमार राउत राय ने कहा कि हमारे समाज में ऐसे अनेक नायक हैं, जो प्रचार से दूर रहकर निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। यह मंच उनके समर्पण को पहचान दिलाने और समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास है। कार्यक्रम के दौरान 'सांस्कृतिक समरसता और समावेशी विकास' विषय पर आधारित एक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ। इसके बाद चयनित प्रतिभागियों को सम्मान पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान किए गए।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव