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औरैया, 31 जुलाई (हि. स.)। जनपद में ककोर स्थित केे एआरटीओ कार्यालय में दलालों का जमावड़ा हर दिन देखने को मिल रहा है। कार्यालय के बाहर से लेकर अंदर तक ऐसे लोगों की चहलकदमी आम हो गई है, जो लोगों से मनमानी रकम वसूलते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार के स्पष्ट आदेशों के बावजूद कार्यालय में आज भी कई प्राइवेट कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
छापेमारी का असर नहीं
कुछ दिन पहले जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने एआरटीओ कार्यालय पर छापा मारकर बड़ी कार्रवाई की थी और कई वाहनों को जब्त भी किया था। बावजूद इसके कार्यालय में अवैध वसूली का खेल जस का तस जारी है। सूत्रों के मुताबिक, ड्राइविंग टेस्ट के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है। जो पैसे दे देते हैं, उनका टेस्ट महज औपचारिकता बनकर रह जाता है, जबकि जो इंकार करते हैं, उन्हें बार-बार दौड़ाया जाता है।
कौन दे रहा है संरक्षण
यह सवाल उठ रहा है कि जब सरकार की मंशा साफ है, तो आदेशों की अनदेखी क्यों हो रही है? आखिर इन दलालों और प्राइवेट कर्मचारियों को संरक्षण कौन दे रहा है? सरकारी फीस की आड़ में कई गुना ज्यादा पैसा वसूलकर आम जनता को लगातार परेशान किया जा रहा है।
जवाब देने से बच रहे एआरटीओ
इस संबंध में एआरटीओ औरैया नानक चंद्र शर्मा से कई बार टेलीफोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। इससे उनकी मानसिकता और विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।अब सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन इस पूरे मामले की जांच कर कठोर कार्रवाई करेगा, या फिर आम जनता इसी तरह शोषण झेलती रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार