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जम्मू, 31 जुलाई (हि.स.)। गुरु रवि दास सभा ने बाहु किला में शहीद-ए-आजम उधम सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बोलते हुए शाम लाल बैसन महासचिव श्री गुरु रवि दास सभा बाहु फोर्ट जम्मू ने कहा कि उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को संगरूर जिले में हुआ। बाद में वे सिख बन गये। बचपन का नाम उधम सिंह का नाम शेर सिंह था और उनके बड़े भाई मुक्ता सिंह बने साधु सिंह।
सरदार टहल सिंह रेलवे क्रॉसिंग पर चौकीदार के रूप में कार्यरत थे ग्राम उप्पली में। उधम सिंह की माँ की मृत्यु 1901 में हुई। उनके पिता की मृत्यु 1907 में हुई। उधम सिंह और भाई को अनाथालय में प्रवेश दिया गया। उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई 1918। उधम सिंह को विभिन्न कलाओं और शिल्पों में प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने 1918 में मैट्रिक पास किया और 1919 में अनाथालय छोड़ दिया। 13 तारीख को बैसाखी के दिन उधम सिंह जलियांवाला बाग में मौजूद थे।
अप्रैल 1919 जब लोगों की शांतिपूर्ण सभा पर ब्रिगेडियर जनरल आरईएच द्वारा गोलीबारी की गई। पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ-ड्वायर के आदेश पर डायर। 19 साल की उम्र में उधम सिंह ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया और इस दौरान घायल हो गये। नरसंहार के बाद रत्ना देवी के पति का शव बरामद किया। उधम सिंह रत्ना देवी को अपनी बहन मानते थे और उन्हें मुल्तान ले गये अपने पति के साथ अमृतसर आई थीं।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता