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कटिहार, 31 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अलुआबाड़ी रोड और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
परियोजना की जानकारी देते हुए एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने गुरुवार शाम बताया कि अलुआबाड़ी रोड और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन की परियोजना पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के क्षेत्राधिकार में आती है। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1,786 करोड़ रुपये है और इसकी कुल लंबाई 57 किलोमीटर होगी। यह परियोजना दिल्ली-गुवाहाटी हाई डेनसिटी नेटवर्क मार्ग का हिस्सा है और भूटान, बांग्लादेश एवं नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के निकट होने के कारण इसका रणनीतिक महत्व है।
इस परियोजना से पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे यात्रीवाही और मालवाही ट्रेनों की आवाजाही अधिक कुशल और तेज होगी। इससे यात्रा समय में कमी आएगी और सेवाओं की समग्र विश्वसनीयता में सुधार होगा। इसके अलावा, यह परियोजना 21.6 मिलियन टन अतिरिक्त माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाएगी, जिससे लॉजिस्टिक लागत में 2,551 करोड़ रुपये की बचत होगी। यह परियोजना प्रति वर्ष 2.14 करोड़ लीटर डीजल की बचत कर ईंधन संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
यह परियोजना न केवल परिवहन अवसंरचना को सुदृढ़ करेगी, बल्कि पूर्वोत्तर में आर्थिक विकास, क्षेत्रीय एकीकरण और जीवन स्तर में सुधार के लिए उत्प्रेरक का कार्य भी करेगी। यह परियोजना बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में परिवहन नेटवर्क की समग्र दक्षता को बढ़ाएगी और इस महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर भीड़भाड़ को कम करेगी, जो भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
सीपीआरओ ने बताया कि एनएफआर इस परियोजना को कुशलतापूर्वक निष्पादित करने को प्रतिबद्ध है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी तथा विकास को अधिकतम लाभ सुनिश्चित हो सके। यह परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और क्षेत्र के लोगों के लिए बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद सिंह