मुरैनाः कोहराम मचाने के बाद चम्बल ने वापसी का किया रूख, दो घंटे में 12 सेन्टीमीटर उतरा जल स्तर
कोहराम मचाने के बाद चम्बल ने वापसी का किया रूख, दो घंटे में 12 सेन्टीमीटर उतरा जल स्तर


मुरैना : चम्बल ने खतरे के निशान को पार कर गांव की ओर किया रुख, हाई अलर्ट जारी


मुरैना, 31 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चम्बल नदी द्वारा तटवर्ती क्षेत्रों में कोहराम मचाने के बाद अब वापसी की ओर रूख कर लिया है। गुरुवार सुबह 6 बजे के बाद मात्र 5 सेन्टीमीटर की वृद्धि जल स्तर में हुई थी, लेकिन सुबह 7 बजे से लेकर 11 बजे तक जल स्तर 142.60 मीटर पर स्थिर बना रहा। उसके बाद जल स्तर में गिरावट शुरू हो गई। लगभग 2 घंटे में 12 सेन्टीमीटर पानी नीचे आ गया। इससे प्रशासन- पुलिस व पानी से घिरे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

चम्बल नदी में पानी की आवक कम होने के कारण जल स्तर में गिरावट आई है।

अभी तक राजस्थान के पार्वती, कालीसिंध, परवन से श्योपुर जिले के संगम में पानी आ रहा था। आगे चलकर सीप व कूनो का जल सैलाव भी चम्बल के जल में वृद्धि कर रहा था। बीते 24 घंटों के दौरान पाली घाट पर श्योपुर में लगभग 4 मीटर चम्बल नदी का जल स्तर नीचे आया है। वहीं श्योपुर कोटा मार्ग पर पार्वती नदी का जल स्तर लगभग 15 से 20 फुट नीचे पहुंच जाने से नये पुल पर आवागमन शुरू हो गया है।

कोटा वेराज से मात्र 11 हजार क्यूसेक पानी दो गेट से रिलीज किया जा रहा है। वहीं मध्यप्रदेश, राजस्थान के जंगल क्षेत्र में 24 घंटे के दौरान बारिश के रूक जाने से बांध व नदियों में पानी की आवक कम हो गई है। मध्यप्रदेश राजस्थान के झालावाड, कोटा, बारा, नीमच, मंदसोर क्षेत्र में वर्षा थम जाने के कारण नदियों में पानी की आवक कम हुई है। अभी तक चम्बल के जल स्तर में जो उफान आ रहा था वह बड़ी नदियों के जल स्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण ही था।

प्रशासन पुलिस ने कराया गर्भवती महिलाओं का रेस्क्यू -

चम्बल के पानी से घिरकर टापू बने गांव में गर्भवती महिलाओं की सूचना मिलने पर रेस्क्यू कराया गया। जिले के सबलगढ़ तहसील क्षेत्रान्तर्गत करजोनी, भर्रा, वेदपुरा, बिज्जापुरा सहित अनेक गांव पानी से घिर गये थे। इनमें से करजोनी, भर्रा गांव के गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी होने पर एसडीईआरएफ का दल भेजा गया। देर शाम तक दोनों गांव से 5 गर्भवती महिलाओं सहित 15 महिला पुरुषों का रेस्क्यू कराया गया। इन सभी को झुण्डपुरा स्थित निर्मित सेफ हाउस में रखा गया है। गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया।

कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने जल भराव वाले क्षेत्रों का लिया जायजा -

बाढ़ की विभीषिका का जायजा लेने के लिये कलेक्टर अंकित अस्थाना एवं पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ जल भराव वाले क्षेत्रों का निरंतर भ्रमण किया। प्रशासन द्वारा पुलिस के सहयोग से जिले के सबलगढ़, अम्बाह, पोरसा तहसील क्षेत्रान्तर्गत नदी के तटवर्ती एक दर्जन गांव में रेस्क्यू कर 5 सैकड़ा से अधिक लोगों को सेफ हाउस लाया गया है। प्रशासन व पुलिस के सामने इस विभीषिका में बड़ी परेशानी ग्रामीण द्वारा खड़ी की। सैकड़ोंं ग्रामीण टापू बने गांव से निकल नहीं रहे थे।

प्रशासन पुलिस व एसडीईआरएफ का दल इन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर लाना चाहता है, लेकिन ग्रामीण आने को तैयार नहीं है। वहीं चिन्नोनी थाना क्षेत्रान्तर्गत वेदपुरा व बिज्जापुरा का रास्ता अवरुद्ध होने पर ग्रामीण पानी में आवागमन के लिये ट्यवूब का सहारा ले रहे हैं। झुण्डपुरा पुलिस द्वारा ऐसे ग्रामीणों को समझाया है कि अनावश्यक रूप से जान जोखिम में नहीं डालना है। बाढ़ के दौरान गांव से निकलकर सेफहाउस में सुरक्षित पहुंचने की अपील पुलिस व प्रशासन द्वारा की गई। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने अम्बाह तहसील क्षेत्र के वीलपुर, कुथियाना, घेर सहित कई गांवों का भ्रमण कर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। उन्हेांने ग्रामीणों से भी व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की। वहीं अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशि किया कि विषम परिस्थतियों में तत्काल राहत कार्य आरंभ किये जायें। वहीं कलेक्टर द्वारा ग्राम इन्द्रजीत का पुरा से गर्भवती महिला का रेस्क्यू करने वाले दल की सराहना की।

चम्बल नदी का पाली घाट श्योपुर पर गुरूवार सुबह 10 बजे जल स्तर 195.26 मीटर था। जबकि यहां खतरे का निशान 199.95 मीटर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा