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कोलकाता, 31 जुलाई (हि. स.)। राज्य में शिक्षा, महिला सुरक्षा और व्याप्त अराजकता के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने गुरुवार को दक्षिण कोलकाता विभाग की ओर से कॉलेज स्ट्रीट स्थित कलकत्ता विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर के सामने छात्र अधिकार समावेश का आयोजन किया।
मूसलधार बारिश के बावजूद छात्र संगठन के सैकड़ों सदस्य एकजुट होकर इस आंदोलन में शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. बीरेंद्र सिंह सोलंकी उपस्थित रहे। उनके साथ छात्र नेता शिल्पा मंडल और नीलकंठ भट्टाचार्य ने भी मंच से सरकार पर निशाना साधा।
सभा की शुरुआत युवाशक्ति, देश की शक्ति के नारे से हुई। डॉ. सोलंकी ने अपने भाषण की शुरुआत में स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में बंगाल की धरती पर शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में अराजकता का माहौल बना हुआ है, जो चिंताजनक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेजों से लेकर अस्पतालों तक महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है, शिक्षक भर्ती में घोटाले हो रहे हैं और ‘बांग्ला व बांगाली बचाओ आंदोलन’ की आड़ में राज्य को रोहिंग्याओं का अड्डा बनाने की साजिश चल रही है।
सभा में यह भी सवाल उठाया गया कि राज्य सरकार छात्र संघ चुनाव को लेकर वर्षों से उदासीन क्यों बनी हुई है। छात्र नेताओं ने मांग की कि सरकार आगामी २८ अगस्त तक छात्र संघ चुनाव की घोषणा करे, अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा।
सभा के अंतिम चरण में नीलकंठ भट्टाचार्य और शिल्पा मंडल ने भी संबोधित करते हुए छात्रों से सरकार के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष तेज करने का आह्वान किया और दिन बदलेगा, छात्र लड़ेगा के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय