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नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि दीनदयाल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत औपचारिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों को अब तक 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया जा चुका हैै। यह उपलब्धि समावेशी ग्रामीण विकास, महिलाओं के वित्तीय सशक्तीकरण और ग्राम स्तर पर आत्मनिर्भरता की दिशा में मोदी सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
शिवराज सिंह ने बुधवार को मीडिया से कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय-डीएवाई-एनआरएलएम के तत्वावधान में देशभर की ग्रामीण गरीब महिलाएं मजबूत सामुदायिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आजीविका को सशक्त बना रही हैं। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उन्हें बिना कोलैटरल, ब्याज सब्सिडी एवं अन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर अपनी आय में वृद्धि करने में सक्षम हो रही हैं। 98 प्रतिशत से भी अधिक की उच्च पुनर्भुगतान दर से यह स्पष्ट होता है कि यह प्रयास विश्वास, अनुशासन और प्रबंधन में मिसाल बना है।
उन्होंने बैंकिंग समुदाय के समर्थन की सराहना करते हुए कहा कि हमारे बैंकिंग पार्टनर्स ने करोड़ों ग्रामीण महिलाओं के सपनों को साकार करने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। बैंक सखियों के अथक प्रयासों ने स्वंय सहायता समूह -बैंक लिंकेज को सुगम बनाया है और समय पर ऋण पुनर्भुगतान सुनिश्चित किया है।
उन्होंने बताया कि बैंकिंग साझेदारी का मुख्य योगदान यह है कि प्राथमिक क्षेत्र ऋण के अंतर्गत स्वंय सहायता समूह को आसान शर्तो पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही बैंक खातों की आधार व मोबाइल सीडिंग और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने का काम भी किया जा रहा है।
शिवराज ने कहा कि पुनर्भुगतान व्यवस्था को भी मजबूत बनाया जा रहा है। बैंक सखियां का योगदान यह हो रहा है कि वे लेन-देन, ऋण आवेदन, दस्तावेज़ीकरण में सहायता प्रदान कर रही हैं। साथ ही वित्तीय जागरूकता, बीमा, पेंशन आदि योजनाओं की जानकारी देने में भी मददगार साबित हो रही हैं। इसके अलावा समुदाय आधारित पुनर्भुगतान तंत्र को मजबूत करना और समय पर ऋण वसूली सुनिश्चित करना, ये भी इस महत्वपूर्ण योजना के तहत सुनिश्चित किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही लखपति दीदी जैसी पहल आज ग्रामीण भारत की लाखों महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बदल रही हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी