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रांची, 29 जुलाई (हि.स.)। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि समय पर वेतन का भुगतान न होने से एम्बुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। हर जगह मरीज परेशान हैं, परंतु सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता और स्वास्थ्य मंत्री तो पहले ही कह चुके हैं कि खाट पर मरीजों को अस्पताल ले जाना आम बात है।
नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसे ‘प्रगतिशील एवं अति संवेदनशील’ व्यक्ति को स्वास्थ्य मंत्री का पद प्राप्त होगा तो झारखंड वासी सुचारू स्वास्थ्य सुविधाओं की उम्मीद किससे करेंगे? इससे पहले भी एम्बुलेंस चालकों ने हड़ताल की थी। तब सरकार व सरकार द्वारा ‘नव-नियुक्त’ एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी ने कर्मचारियों की मांगें मानने का केवल दिखावा किया, अभी तक उस त्रिपक्षीय समझौते पर अमल नहीं हुआ है।
मरांडी ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि आखिर इन मांगों में ऐसा क्या है, जिसे नहीं माना जाना चाहिए? क्या सरकारी कर्मचारियों को अब अपने वेतन के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा? हर दिन स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही के किस्से सामने आते हैं, लेकिन राज्य में खराब पड़ी एम्बुलेंसेज की तरह शायद स्वास्थ्य विभाग को भी जंग लग गया है। अनर्गल बयानबाजी से ना तो व्यवस्था सुधरेगी, न मरीजों का स्वास्थ्य, ये समझना स्वास्थ्य मंत्री के लिए इतना मुश्किल क्यों है?
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे