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रांची, 30 जुलाई (हि.स.)। वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर पांच अगस्त को विधानसभा के सामने एक दिवसीय महाधरना देगा।
महाधरना में राज्य भर के हजारों शिक्षक कर्मचारी भाग लेंगे। मोर्चा की मांगों में 75 प्रतिशत अनुदान वृद्धि के प्रस्ताव को मंत्रीपरिषद में रखना और राज्य कर्मी के कर्ज देने संबंधी कार्मिक विभाग के पत्र पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का कोई कार्रवाई नहीं करना शामिल है।
यह निर्णय मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की बैठक में बुधवार को लिया गया।
उल्लेखनीय है कि 75 प्रतिशत अनुदान वृद्धि के प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई थी।
वित्त विभाग ने संलेख प्रस्ताव पर अपना सहमति देकर रिपोर्ट प्रशासी विभाग को भेज दिया।
इसके बाद प्रशासी विभाग ने विदिक्षा के लिए विधि विभाग को संचिका भेज दिया। वहीं प्रशासी विभाग ने कैबिनेट की सहमति के लिए कैबिनेट भेज दिया।
लेकिन अंततः मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद में मामले को नहीं रखकर रिपोर्ट को विमर्श के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को भेज दिया ।
मोर्चा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किस बिंदु पर सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से विमर्श करना चाहते हैं ।
मोर्चा का कहना है कि जब विधि विभाग सहित अन्य विभागों ने सहमति दे दी तो फिर शिक्षा सचिव से विमर्श का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि
मोर्चा इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देगा ।
इसके बाद पांच अगस्त को विधानसभा के सामने महाधरना दिया जाएगा। इसमें राज्यभर के मोर्चा के शिक्षक कर्मचारी भाग लेंगे।
सात अगस्त को पूरे राज्य में इसे लेकर शैक्षणिक हड़ताल रहेगा और उस दिन स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे और गेट पर ताला लगा रहेगा।
बैठक में कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, डॉ देवनाथ सिंह, गणेश महतो, नरोत्तम सिंह, रघु विश्वकर्मा,मनीष कुमार, मनोज कुमार, शीतल उरांव, संजय कुमार, पशुपति महतो सहित अन्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak