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कोलकाता, 30 जुलाई (हि.स.)। बिहार में कथित तौर पर डॉगबाबू नामक व्यक्ति, जिनके पिता का नाम कुत्ताबाबू और माता का नाम कुत्तियादेवी बताए गए थे। इस तरह की वोटर आईडी के अस्तित्व को लेकर चल रही सियासी बहस में चुनाव आयोग ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। आयोग ने साफ किया है कि ऐसे किसी भी नाम का कोई वोटर पंजीकृत नहीं है और न ही इस प्रकार की कोई जानकारी दस्तावेजों में मौजूद है।
यह मामला तब तूल पकड़ गया जब तृणमूल कांग्रेस ने बिहार सरकार पर फर्जी नामों से वोटर कार्ड जारी करने का आरोप लगाया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि एसआईआर के नाम पर वोटरों को डराया जा रहा है, उनके अधिकार छीने जा रहे हैं, और अब कुत्ते के नाम पर वोटर कार्ड बनाया जा रहा है।
हालांकि बुधवार को चुनाव आयोग ने दस्तावेज़ प्रस्तुत कर यह स्पष्ट किया कि इस प्रकार के किसी नाम या पहचान की कोई आधिकारिक पंजीकृत नहीं है। आयोग ने कहा कि यह दावा पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है।
इस बीच, भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने तृणमूल पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वोटर लिस्ट की समीक्षा होते ही तृणमूल को अपनी स्थिति गिरती दिख रही है, इसलिए वह झूठ फैला रही है। अब ये लोग पागलपन की हद तक पहुंच गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय