कैश फॉर जॉब मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में तमिलनाडु सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने कैश फॉर जॉब मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी से जुड़े मामले में करीब दो हजार लोगों को फंसाने पर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप नहीं होता तो इसे रफा-दफा कर दिया गया होता।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो हजार आरोपित और पांच सौ गवाह हैं। ये देश का सबसे बड़ा ट्रायल होगा। ट्रायल के लिए एक छोटा कोर्ट रुम पर्याप्त नहीं होगा। आरोपितों की उपस्थित दर्ज कराने भर के लिए एक स्टेडियम जैसी जगह चाहिए होगी। इसके पहले 23 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने सेंथिल बालाजी से कहा था कि या तो आप मंत्री पद छोड़ें या आपकी जमानत निरस्त कर दी जाएगी। कोर्ट की फटकार के बाद सेंथिल बालाजी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि एक मंत्री के रुप में सेंथिल बालाजी ने शिकायतकर्ता पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। कोर्ट ने कहा था कि जमानत ट्रायल में देरी और लंबे समय तक हिरासत में रहने के आधार पर दी गई थी, मामले के गुण-दोष के आधार पर नहीं।

इसके पहले सुनवाई के दौरान सेंथिल बालाजी ने कहा था कि दोबारा मंत्री बनने से उन्हें मिली जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं होता है। बालाजी को उच्चतम न्यायालय ने 26 सितंबर, 2024 को जमानत दी थी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में उनकी जमानत निरस्त करने के आदेश की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता ने राजनीतिक विरोधियों की शह पर ये याचिका दायर की है। बालाजी ने कहा था कि याचिकाकर्ता की याचिका में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि उन्होंने जमानत की किन शर्तों का उल्लंघन किया है।

याचिका में कहा गया था कि सेंथिल बालाजी को जमानत मिलने के तुरंत बाद उन्हें मंत्री बना दिया गया, जिसकी वजह से गवाहों पर प्रभाव और दवाब होगा और वह अपनी गवाही से मुकर सकते हैं। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वो जमानत देने के आदेश को वापस नहीं लेगी, क्योंकि इससे दूसरे लोगों को भी लाभ मिल सकता है। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस याचिका पर वो नोटिस जारी नहीं कर रही है, लेकिन वो सिर्फ इस दलील पर विचार करेगा, जिसमें यह आशंका जताई गई थी कि जमानत देने से क्या गवाह प्रभावित हो रहे हैं।

बालाजी को 14 जून 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 12 अगस्त 2023 को बालाजी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। बालाजी के खिलाफ तमिलनाडु राज्य परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों की नियुक्ति के साथ-साथ ड्राइवरों और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं से जुड़ा मामला है। ये सभी नियुक्तियां 2011 और 2015 के बीच सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में बालाजी के कार्यकाल के दौरान की गईं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय-----------

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