स्वामी श्री गोविंददेव गिरि महाराज (पुणे) को मिलेगा डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान 2025
स्वामी श्री गोविंददेव गिरि महाराज (पुणे) को मिलेगा इस साल का डॉक्टर हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान


कोलकाता, 30 जुलाई (हि.स)। कोलकाता महानगर की साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा प्रवर्तित डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान 36वें वर्ष का सम्मान तपोनिष्ठ प्रखर राष्ट्रसंत स्वामी श्रीगोविंददेव गिरिजी महाराज(पुणे) को भारतीय संस्कृति, अध्यात्म एवं सत्संस्कारों को देश-विदेश में प्रसारित करने में उल्लेखनीय अवदान के लिए रविवार 10 अगस्त को प्रात: 11 बजे स्थानीय नेशनल लाइब्रोरी सभागार में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा। सम्मान स्वरूप उन्हें 1 लाख रुपये की राशि एवं मानपत्र भेंट की जाएगी।

25 जनवरी 1949 को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के बेलापुर गांव में एक धर्मनिष्ठ ब्रााहृण परिवार में जन्मे स्वामीजी ने कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य पूज्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती महाराज से अनुग्रह दीक्षा और महामंडले•ार पूज्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरिजी महाराज (भारतमाता मंदिर) से परमहंस संन्यास की दीक्षा ली। तदुपरांत आपने स्वयं को व्यासत्व तक ही सीमित न रखकर भावी पीढ़ी को संस्कारित एवं वेदज्ञ बनाने हेतु गीता परिवार, महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान, श्रीकृष्ण सेवा निधि ट्रस्ट, तथा ज्ञानेश्वर गुरुकुल की स्थापना की।

उल्लेखनीय है कि आपके संरक्षण में पूरे भारत में महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान के अन्तर्गत 42 वेद विद्यालय चलाये जा रहे हैं तथा गीता परिवार द्वारा हजारों संस्कार शिविर लगाए जा चुके हैं। संतत्व की इस लम्बी अवधि में आपके हिन्दी में 54, मराठी में 65 तथा अंग्रेजी में 5 यानी कुल 124 ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं जो अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष का विशिष्ट दायित्व सौंपा गया। इसके अतिरिक्त आप श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट मथुरा के भी उपाध्यक्ष हैं।

देश विदेश में अध्यात्म की अलख जगाने वाले स्वामी जी ने केवल भारत में ही नहीं, 15 से अधिक देशों में 2500 से अधिक व्याख्यानों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया है। स्वामी जी को भारतीय संस्कृति और सत् संस्कारों के प्रचार एवं विस्तार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए समय समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया गया है। 2024 ई. में उत्तराखण्ड संस्कृत विद्यालय ने स्वामी जी को मानद विद्यावाचस्पति (डी.लिट.) की उपाधि प्रदान की।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी जी के हाथों अपने 11 दिन के उपवास का समापन किया। ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व के धनी, परम गोभक्त एवं राष्ट्र शिरोमणि संत पूज्य स्वामी श्री गोविंददेव गिरि महाराज को 2025 ई. के डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित कर कुमारसभा पुस्तकालय स्वयं गौरवान्वित है।

ध्यातव्य है कि वर्ष 1990 में कुमारसभा द्वारा प्रवर्तित डॉ हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान का पहला सम्मान संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान एवं चिंतक डॉ श्रीधर भास्कर वर्णेकर को तथा गत वर्ष 2024 का सम्मान टेलीविजन-धारावाहिक के चाणक्य डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी (पुणे) को प्रदान किया गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष मधुप