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उज्जैन, 30 जुलाई (हि.स.)। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज ने हिन्दुओं के घरों में साईं बाबा की पूजा पर नाराजगी जताई है। उन्होंने साई बाबा की पूजा को सनातन परंपरा के खिलाफ बताया। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग भी की है।
महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज ने कहा कि वेद और सनातन परंपरा में साईं बाबा की पूजा मान्य नहीं है। कोई भी पुजारी, पंडित और मंदिरों के पदाधिकारी उनकी पूजा न करें। अगर, किसी हिंदू के घर में साईं बाबा की मूर्ति या फोटो है, तो उसे हटा देना चाहिए। मूर्ति को कुएं में डाल दो और फोटो को आग लगा दो। हमारे हिंदू धर्म में 84 करोड़ देवी-देवता हैं, फिर हम एक फकीर की पूजा क्यों करें? एक मुस्लिम की पूजा करेंगे, तो हमारे धर्म का क्या होगा?
दरअसल, पंचकोशी मार्ग स्थित होटल में 25 जुलाई से श्रीमद् भागवत कथा चल रही है। यहीं स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज ने उक्त बातें कहीं। बुधवार को उनका यह बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य महाराज और मैं खुद लंबे समय से इस विषय का विरोध कर रहे हैं। अब तक हजारों मूर्तियां हटवाई जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि मंदिरों में प्रवेश के लिए हिंदू कार्ड बनवाए जाएं, वहां हिंदू कार्ड प्रणाली लागू की जाए और बिना कार्ड के किसी को प्रवेश न दिया जाए। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में कुछ स्थानों पर मंदिरों के दान के रुपये से कसाई खाने चल रहे हैं। कसाई खाने तक पहुंचने के लिए सड़कें भी दान के रुपये से बनाई जा रही हैं।
कथा के दौरान महामंडलेश्वर ने महाकालेश्वर मंदिर का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते कहा कि देशभर के मंदिरों पर सरकारी अधिग्रहण है, इन्हें मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पहले महाकाल मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के नियंत्रण में था और बाद में सरकार ने अधिग्रहण कर लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने और उन्हें फिर से अखाड़ों के हवाले करने की मांग की।
स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दुकानों पर मालिकों के नाम के बोर्ड लगवाने की नीति का समर्थन किया और कहा कि कांवड़ यात्रा में 'थूक जिहाद' जैसी घटनाएं सामने आई थीं, जिन्हें अब रोका जा रहा है। उन्होंने व्यासपीठ से भारत सरकार से अपील की कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में एक गाय होती है, वह परिवार कभी भूखा नहीं मर सकता। इस देश को बचाना है, तो गाय माता को बचाना होगा। गाय ऐसी मां है, जिसका दूध, दही और घी अमृत तुल्य होता है।-----------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर