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सिरसा, 30 जुलाई (हि.स.)। जिला उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि प्रयास मेंटली चैलेंज्ड चिल्ड्रन स्कूल और हेलन केलर दृष्टि बाधित विद्यालय में विद्यार्थियों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिलनी चाहिए। जो विद्यार्थी स्कूल छोड़ गए हैं, उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दें और ऐसे ही बच्चों की पहचान के लिए सर्वे भी करवाया जाना चाहिए। उपायुक्त बुधवार को सिरसा के लघु सचिवालय में अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इससे पहले सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा ने वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे दिव्यांग स्पेशल स्कूल के कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त वीरेंद्र सिंह सहरावत, जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलौड, स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह उपस्थित रहे।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि दोनों स्कूलों में सोलर सिस्टम लगाया जाए और इसके लिए जरूरी प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों के दाखिले को लेकर सर्वे की जरूरत है ताकि यहां अधिक बच्चे सेवा का लाभ ले पाएं। उन्होंने विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधा की जानकारी लेते हुए कहा कि इस स्कूल में पढने वाले बच्चों की यूआईडी होनी चाहिए तथा मेडिकल हेल्थ कैंप भी लगाए जाएं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने दिव्यांग कोष का गठन कर सात स्कूलों का अधिग्रहण कर लिया है, जिनमें से दो स्कूल सिरसा के, दो स्कूल रोहतक के तथा तीन स्कूल हिसार के हैं, जो अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि उपायुक्त इन स्कूलों के संरक्षक तथा अतिरिक्त उपायुक्त प्रशासक मनोनीत है और समय-समय पर स्कूल की गतिविधियों की समीक्षा उपायुक्त द्वारा की जाती है। उन्होंने बताया कि हेलन केलर दृष्टि बाधित विद्यालय पहले रेडक्रॉस की ओर से संचालित रहा और इसमें 33 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इनमें से 20 बच्चे आवासीय सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इसी तरह प्रयास मेंटली चैलेंज्ड चिल्ड्रन स्कूल 1992 से चलाया जा रहा था, जो विभाग के पास है। यहां 99 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, यहां विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा भी दी जाती है ताकि वे अपनी आजीविका चला सके। बच्चों को कुर्सियां बुनना, मोमबत्ती बनाना, चिप्स बनाना और पैकिंग का काम सिखाया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma