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प्रयागराज, 30 जुलाई (हि.स.)। एसआरएन अस्पताल एवं मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज का उद्देश्य सदैव आमजन को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना रहा है। यह बात बुधवार को बगैर चीरे के पूर्वांचल में पहली बार टीओईटीवीए तकनीक से थायरॉयड सर्जरी का सफल ऑपरेशन होने के बाद मेडकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) वी.के. पांडेय ने कही।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि शासकीय चिकित्सा संस्थान भी उन्नत तकनीकें अपनाकर बेहतर इलाज प्रदान कर सकते हैं।
टीओईटीवीए (TOETVA) तकनीक की यह सफलता एसआरएन अस्पताल को पूर्वांचल में पहली बार बिना चीरे की थायरॉयड सर्जरी उपलब्ध कराने वाला संस्थान बनाती है। यह न केवल मरीजों के लिए सौंदर्य और आत्मविश्वास की दृष्टि से वरदान है, बल्कि चिकित्सा शिक्षा और शोध के लिए भी एक मील का पत्थर है।
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज के ईएनटी विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करते हुए पहली बार ट्रांसओरल एंडोस्कोपिक हेमीथायरॉयडेक्टॉमी वाया वेस्टीबुलर एप्रोच (TOETVA) तकनीक से सफल थायरॉयड सर्जरी की गई। मिर्जापुर की रहने वाली 32 वर्षीय महिला को पांच वर्ष पुरानी परेशानी से राहत मिली। पूर्वांचल में पहली बार TOETVA तकनीक से सफल ऑपरेशन किया गया।
यह ऑपरेशन मिर्जापुर निवासी 32 वर्षीय महिला पर किया गया, जो पिछले पांच वर्षों से गले में सूजन की समस्या से पीड़ित थीं। इस अत्याधुनिक प्रक्रिया में गर्दन पर कोई बाहरी चीरा नहीं लगाया जाता। सर्जरी पूरी तरह से एंडोस्कोपिक विधि से मुंह के अंदर, विशेष रूप से निचले होंठ के पीछे वेस्टीबुलर क्षेत्र से की जाती है। इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि गर्दन पर कोई निशान नहीं रहता, जिससे यह विशेष रूप से युवतियों और महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है।
पूर्वांचल के लिए है गर्व की बात: प्रो (डॉ.) सचिन जैन
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रो. (डॉ.) सचिन जैन, विभागाध्यक्ष ईएनटी विभाग ने बताया कि यह न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। हमारी टीम ने यह उन्नत सर्जरी सफलता पूर्वक की है, जिससे अब मरीजों को राजधानी या मेट्रो सिटी तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आने वाले समय में यह तकनीक क्षेत्र को चिकित्सा नवाचार और स्वास्थ्य पर्यटन का केंद्र बना सकती है।
इस सर्जरी को डॉ. सचिन जैन, डॉ. राम सिया सिंह, डॉ. संकल्प केशरी, और डॉ. शिवेन्द्र प्रताप सिंह की टीम ने अंजाम दिया। वहीं एनेस्थीसिया की जिम्मेदारी डॉ. राजीव गौतम एवं उनकी टीम ने संभाली।
हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल