केले की खेती पर 2 अगस्त को वसई में संगोष्ठी
केले की फाइल फोटो।


-अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ. के.बी. पाटील करेंगे मार्गदर्शन

मुंबई, 30 जुलाई, (हि. स.)। पालघर जिले में केले की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2 अगस्त को वसई के मर्सेस स्थित सहजीवन हॉल में विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। यह संगोष्ठी सुख-संपत्ति संवर्धन कोऑपरेटिव सोसायटी और जॉन अल्मेडा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में होगी। संगोष्ठी में केले की खेती के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और जैन इरिगेशन के उपाध्यक्ष डॉ. के.बी. पाटील वैज्ञानिक पद्धतियों से केले की खेती, निर्यात की प्रक्रिया व बाजार की मांग के बारे में किसानों का मार्गदर्शन करेंगे। संस्था के अध्यक्ष ओनिल अल्मेडा ने बताया कि वसई कई वर्षों से केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, हाल के दिनों में रोग के कारण केले की खेती का क्षेत्रफल कम हो गया है। अब, भारतीय केले को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिल गई है। वसई, वाडा, दहानू, पालघर, वानगांव, तलासरी, मोखाडा, जव्हार और आसपास के क्षेत्रों में निर्यात-गुणवत्ता वाले केले की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। निर्यात के लिए भारतीय केले की भारी मांग है। ऐसे में यह संगोष्ठी किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो सकती है। अल्मेडा ने कहा कि कई जगह भूमि परती और अनुपजाऊ रहती है। ऐसी भूमि पर केले की खेती करके किसान अच्छी वार्षिक आय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने पालघर जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे पंजीकरण कर शिविर का लाभ उठाएं।

हिन्दुस्थान समाचार / कुमार