विश्व में एकमात्र धर्म है सनातन : डॉ. रवींद्र शुक्ल
जानकारी देते रवीन्द्र शुक्ल


हिंदी साहित्य भारती ( अंतरराष्ट्रीय) के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का मंडलीय सम्मेलन 31 जुलाई को

झांसी, 30 जुलाई (हि.स.)। विश्व में मजहब अनेक हो सकते हैं, पंथ अनेक हो सकते हैं, किंतु विश्व में धर्म एकमात्र सनातन धर्म है। सनातन धर्म शाश्वत है और मानवता का पाठ पढ़ाता है। पंथ व मजहब किसी के द्वारा चलाए गए हैं किंतु सनातन धर्म श्रष्टि के साथ सृजित हुआ है। ये विचार बुधवार काे हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ.रवींद्र शुक्ल ने व्यक्त किए।

उन्होंने बताया कि इसी सनातन धर्म के प्रचार व प्रसार के लिए 31 जुलाई 2025 को हिंदी साहित्य भारती ( अंतरराष्ट्रीय) के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ का मंडलीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन होटल द मारवलस में 31 जुलाई को सायंकाल 4 बजे से आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में झांसी, ललितपुर तथा जालौन के सैकड़ों कर्मकांडी पंडित, मंदिरों के पुजारी एवं महंत तथा संतों के आने की संभावना जताई जा रही है। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित, मप्र सिंगरौली से प्रवचनकर्ता एवं प्रो. विजय लक्ष्मी शुक्ला, काशी में वरिष्ठ महंत सचिन्द्र नाथ मिश्र,संत श्री राजेश्वरानंद जी,महामंडलेश्वर साध्वी ममता जी आदि अनेक विद्वान सम्मेलन में सहभागिता करेंगे।

इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक बुवि के संस्कृत शोधपीठ के निदेशक डॉ. बी बी त्रिपाठी,केंद्रीय संयुक्त महामंत्री निशांत शुक्ल,मुख्यालय प्रभारी एवं प्रदेश सोशल मीडिया संयोजिका रुचि निवेदिता,महानगर अध्यक्ष संजय राष्ट्रवादी,वरिष्ठ समाजसेवी विजय पहारिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रभारी दीपक त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया