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पटना, 30 जुलाई (हि.स.)। बिहार में राजस्व महाअभियान की शुरुआत होने वाली है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से 16 अगस्त से 20 सितम्बर तक ये महाअभियान चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य भूमि संबंधी दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना और जनता को जमीन से जुड़ी जरूरी सुधारों की सुविधा सीधे उनके द्वार तक पहुंचाना है।
इस अभियान के अंतर्गत डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटि सुधार, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण एवं छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन किया जाएगा। इन महत्वपूर्ण कार्यों को हल्का स्तर पर शिविर लगाकर पूरा किया जाएगा।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जारी पत्र में इसकी जानकारी दी है।
इस राजस्व महाअभियान के तहत राज्यभर में डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटियों का सुधार (परिमार्जन), छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन कराना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण जैसे मामलों का समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान जैसी अशुद्धियों को ठीक किया जाएगा। साथ ही ऑफलाइन जमाबंदी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। रैयत की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों के नाम पर जमाबंदी कराई जाएगी। संयुक्त जमाबंदी के मौखिक बंटवारे के बावजूद अंशधारकों के नाम से अलग जमाबंदी सुनिश्चित की जाएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से गठित टीमें 16 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक घर-घर जाकर लोगों को उनकी जमाबंदी की प्रति देंगी तथा हल्का शिविर में उनसे आवेदन लेंगी ताकि किसी को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।
प्रत्येक पंचायत के सरकारी या अन्य सरकारी भवन में हल्कावार विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में भरे हुए आवेदन प्रपत्र जरुरी कागजातों के साथ जमा किए जा सकेंगे। प्रत्येक हल्का में कम से कम सात दिनों के अंतराल पर दो तिथियों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। लोगों को आवेदन पत्र भरने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://biharbhumi.bihar.gov.in/विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा विभाग के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस संबंध में जरूरी जानकारियां प्रदान की जायेंगी।
विभागीय मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि राजस्व महा अभियान 2025 राज्य सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी पहल है। इससे लाखों रैयतों को लाभ होगा। अभियान के प्रत्येक चरण में समयबद्धता, पारदर्शिता और नागरिक सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी