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पूर्वी सिंहभूम, 30 जुलाई (हि.स.)।
झारखंड सरकार की ओर से हाल ही में गठित जमशेदपुर औद्योगिक नगरी समिति (जेआईएनएस) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता और स्वर्णरेखा क्षेत्र ट्रस्ट समिति के ट्रस्टी आशुतोष राय ने नाराजगी जताते हुए कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बुधवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि जब पहले से जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति अस्तित्व में है, तो फिर औद्योगिक नगरी समिति के गठन की जरूरत क्यों पड़ी?
राय ने कहा कि औद्योगिक नगरी समिति का गठन अव्यवस्थित कदम है।
यह स्थिति न केवल जनता में भ्रम पैदा कर रही है बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी उहापोह का माहौल है। उन्होंने पूछा कि जब औद्योगिक समिति के प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई है, तो फिर जेएनएसी को क्यों नहीं भंग किया गया? न ही कर्मचारियों के विलय या भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
उन्होंने समिति की संरचना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें टाटा स्टील के प्रतिनिधियों की संख्या अधिक और सरकार तथा जनता के प्रतिनिधियों की संख्या कम है। यह असंतुलन भविष्य में टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है। राय ने यह भी जानना चाहा कि क्या गैर-लीज क्षेत्र में सुविधाएं देने की जिम्मेदारी किसकी होगी और 86 बस्तियों में होल्डिंग टैक्स वसूली के साथ मालिकाना हक भी दिया जाएगा या नहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह समिति बिना व्यापक परामर्श और स्पष्ट कार्यप्रणाली (एसओपी) के गठित की गई है, जिसका गजट मात्र एक पन्ने का है। उन्होंने मांग की कि सरकार को टाटा स्टील, स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक विस्तृत योजना बनानी चाहिए और उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि जनता में स्पष्टता आ सके कि शहर को वास्तव में चलाएगा कौन।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक