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वाराणसी, 30 जुलाई (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भौमिकी विभाग के प्रोफेसर दिव्य प्रकाश को राष्ट्रीय अनुसंधान फाउन्डेशन (भारत सरकार) के पृथ्वी एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग में सलाहकार समिति का सदस्य नामित किया गया है। विश्व वैज्ञानिक प्रतिस्पर्धा में भारतीय शोध को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उन्हें राष्ट्रीय अनुसन्धान फाउन्डेशन का सदस्य मनोनीत किया है।
बुधवार को यह जानकारी बीएचयू के जनसम्पर्क अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की शोध परियोजनाओं का आवंटन और मूल्यांकन इसी अनुसन्धान परिषद के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
गौरतलब हो कि राष्ट्रीय अनुसन्धान फाउन्डेशन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दुर्लभ खनिज सम्बंधित महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन है। भारत की रणनीतिक और दुर्लभ पृथ्वी खनिज नीति का मुख्य उद्देश्य इन अत्यावश्यक खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करना, आयात पर निर्भरता कम करना और घरेलू उत्पादन व अन्वेषण को बढ़ावा देना है। जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए एक सुदृढ़ ढांचा स्थापित करना है। इसमें खनिजों के अन्वेषण को बढ़ाना और सार्वजनिक - निजी भागीदारी को प्रोस्ताहित करना शामिल है।
प्रोफेसर दिव्य प्रकाश के अनुसंधान सहयोगी भूविज्ञानी डॉ चन्द्र कान्त सिंह ने बताया कि प्रोफेसर प्रकाश के केरल से लेकर हिमालय तक की कायांतरित चट्टानों के उच्चताप पर किये गये शोध के अनुभव का लाभ भारत सरकार के परियोजनाओं के आवंटन में मिलेगा। उधर, प्रो. दिव्य प्रकाश को राष्ट्रीय अनुसन्धान फाउन्डेशन का सदस्य बनाए जाने पर भौतिकी विभाग के संकाय प्रमुख प्रो० राजेश कुमार श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष प्रो० अरुण देव सिंह एवं विभाग के शिक्षकों, शोध छात्रों ने खुशी जताई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी