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अनूपपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। आजादी के 70 दशक बाद भी मध्य प्रदेश का आदिवासी बाहुल्यं अनूपपुर जिले में आज भी सरकार पहुंच से बहुत दूर हैं। जहां मूलभूत की सुविधाओं के लिए ग्रमीणों को परकार और प्रशासन की ओर देखना पड़ता हैं। जिले के जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ अंतर्गत मोहदी ग्राम पंचायत जहां खाल्हे हर्रई से बेलघाट जाने का रास्ता बरसात के समय कीचड़ में तब्दील हो जाता है। मार्ग पर वाहन ले जाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। खाल्हे हर्रई से बेलघाट जाने वाले रास्ते के तीन गांव रैगड़ियाटोला, खोलटोला, नवाटोला बरसात आते ही रहवासियों की जिंदगी थम सी जाती है। गांव वालों को कीचड़ युक्त सड़क से पैदल आना जाना भी मुश्किल से हो पता है क्योंकि बरसात में वाहन इस मार्ग मे जा ही नहीं सकते। खाल्हे हर्रई से बेलघाट तक की सड़क तीन ग्राम पंचायतों को जोड़ती है जो सिर्फ कागजों पर ही बनी हुई है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत बरसात आते ही दलदल कीचड़ में तब्दील हो जाती है। वहीं इस मार्ग को प्रधानमंत्री सड़क में मंजूर की जा चुकी हैं। जिसका निर्माण बरसात बाद प्रारंभ होने की बात विभाग द्वारा की गई हैं।
105 परिवारों की शिकायत प्रशासन कर रहा अनसुना
ग्राम पंचायत मोहंदी के रैगडिहाटोला, खोलटोला, नवाटोला में 105 परिवारों की 1000 से अधिक आबादी है जो बरसात के समय घरों में कैद होकर रह जाती है। बीमार पड़ने पर कांवर से कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ता है यहां पर कोई एंबुलेंस भी नहीं है और ना ही चलने लायक सड़क है। स्कूली बच्चों की हालत और भी बुरी है वह अपने सपनों का अरमान लिए कीचड़ युक्त सड़क से पढ़ने जाते हैं जहां पर उन्हें आने-जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर ग्राम वासियों द्वारा पंचायत से लेकर जनप्रतिनिधियों व कलेक्टर तक सभी को आवेदन दिए गए हैं पर मार्ग पर आज तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। सरकारी तंत्र भी ग्राम वासियों की इस परेशानी से अनजान बना हुआ है। मोहंदी ग्राम के लोग हर बरसात में इस कीचड़ युक्त सड़क पर आने जाने को मजबूर हैं खाल्हे हर्रई से बेलघाट तक का मार्ग बरसात में नालों एवं कीचड़ में तब्दील हो जाता है। बच्चे बुजुर्ग बीमार सबकी राहे कीचड़ में गुम हो जाती हैं। यहां पर खेत स्कूल बाजार तक पहुंचाना एक चुनौती बन गया है।
बरसात में होती है परेशानी
जनपद पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत मोहंदी के रैगडिहाटोला के ग्रामीण ईश्वर नायक ने ग्राम वासियो को हो रही समस्या के बारे में बतलाया कि बरसात में चार महीने हर्रई से तीन किलोमीटर कीचड़ में पैदल चलकर रैगडिहा टोला एवं नवा टोला जाते हैं कोई बीमार पड़ जाए तो उसे कांवर से कंधे मे डालकर ले जाना पड़ता है जिसके कारण बड़ी परेशानी होती है। जिसकी समस्या को लेकर कई बार हम ग्रामीणों के द्वारा ग्राम पंचायत से लेकर जनपद,जिला पंचायत तथा कलेक्टर तक इस समस्या को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक इस समस्या कोई समाधान नहीं हो पाया है ,जिसके कारण हम ग्रामीण बरसात के दिनों में लगातार परेशान हो रहे हैं।
गांव तक जाने में हो रही समस्या
ग्राम पंचायत मोहंदी के ग्राम रैगडिहाटोला निवासी गया राम सिंह का कहना है कि हम लोग अपनी बाइक को ग्राम हर्रई या फिर रूदी टोला में तीन किलोमीटर पहले खड़ी कर देते हैं उसके बाद गांव जाते हैं क्योंकि गांव तक मोटरसाइकिल भी नहीं जा पाती है। कीचड़ में गांव तक पैदल चलना भी मुश्किल होता है, खासकर बरसात के दिनों में यह समस्या ज्यादा आने लगती है, वहीं गांव तक एंबुलेंस ना आने के कारण भी अगर गांव में कोई बीमार है तो उसे अपने कंधों में लेकर ले जाने को मजबूर हैं, इतनी समस्या होने के बावजूद भी शासन प्रशासन के द्वारा इस ग्राम पंचायत में कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है, वहीं जनप्रतिनिधियों का भी ग्राम पंचायत के प्रति कोई मोह नहीं दिखाई दे रहा है, चुनाव के समय लंबे-लंबे वादे करके चले जाते हैं। चुनाव के बाद किए गए वादों को भुला दिया जाता हैं।
प्रधानमंत्री सड़क विभाग से मिली जानकारी अनुसार हरई से रैगड़ियाटोला तक की सड़क के 2024-25 में 2.65 किमी के लिए मार्च 2025 सहमति पत्र पर हस्तावक्षर हो चुका हैं। जिसकी अनुमानित लागत 1.53 लाख हैं। जिसका बरसात बाद कार्य प्रारंभ होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला