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हेरिटेज सेवा को बंद करने की साजिश का आरोप
कोलकाता, 30 जुलाई (हि.स.) ।कोलकाता की विरासत मानी जाने वाली ट्राम सेवा को बचाने की मांग को लेकर कलकत्ता ट्राम उपयोगकर्ता संघ ने एक अगस्त को कोलकाता नगर निगम मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन की घोषणा की है। संगठन का आरोप है कि शहर की ट्राम पटरियों पर सड़क मरम्मत के नाम पर डामर बिछाकर ट्राम सेवा को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है।
संघ के अनुसार, वर्ष 2011 में कोलकाता में कुल 37 ट्राम रूट थे, जो अब घटकर केवल दो रह गए हैं। कोरोना महामारी के बाद इस सेवा में और गिरावट आई है। वर्ष 2011 में जहां 61 किलोमीटर ट्राम लाइनें थीं, वर्ष 2022 तक यह घटकर मात्र 12 किलोमीटर रह गईं। उस समय प्रतिदिन 70 हजार से अधिक यात्री ट्राम से सफर करते थे, जबकि अब यह संख्या कुछ हजारों में सिमट गई है।
संघ के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तरी कोलकाता के चितपुर क्षेत्र और दक्षिण कोलकाता के कुछ इलाकों में नगर निगम द्वारा डामर बिछाने का कार्य जारी है, जबकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में इस पर रोक लगाई है। उनका आरोप है कि यह सब ट्राम सेवा को धीरे-धीरे समाप्त करने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि ट्राम पटरियों पर डामर बिछाने की कोई जानकारी उनके पास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि टॉलीगंज से बालीगंज रूट पर पिछले एक वर्ष से सेवा निलंबित है, क्योंकि वहां भूमिगत पाइपलाइनों की मरम्मत का कार्य चल रहा है। हालांकि, संघ का मानना है कि यह भी ट्राम को बंद कर ऐप आधारित टैक्सी और ऑटो सेवाओं को बढ़ावा देने की साजिश का हिस्सा है।
करीब 200 प्रदर्शनकारी एक अगस्त को दोपहर एक बजे नगर निगम कार्यालय के सामने धरना देंगे और उसके बाद एक बंद पड़ी ट्राम रूट पर पदयात्रा करेंगे।
राज्य सरकार ने वर्ष 2018 के बाद से ट्राम सेवा में कोई निवेश नहीं किया है। परिवहन मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि सरकार विरासत रूटों पर ट्राम सेवा बनाए रखने के पक्ष में है, लेकिन चूंकि यह मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए सरकार कोई एकतरफा निर्णय नहीं लेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर