झाबुआ: डिजिटल लर्निंग से लेकर पोषण वाटिका तक की सुविधाओं के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों का हो रहा स्मार्ट कायाकल्प
आंगनवाड़यों में नयी कनीक से शिक्षा


झाबुआ, 30 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूती प्रदान किए जाने और बच्चों के सर्वांगीण विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के एक चौथाई आंगनवाड़ी केंद्रों को आधुनिक तकनीक और मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित कर स्मार्ट बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार की यह पहल प्रदेश में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूती प्रदान करेगी और बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

उक्त जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग निर्मला भूरिया ने बुधवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 25 प्रतिशत केंद्रों को आधुनिक तकनीक और मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित कर स्मार्ट बनाया जा रहा है। भूरिया ने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक चयनित आंगनवाड़ी केंद्र को 1 लाख रूपये की लागत से उन्नत किया जा रहा है। उन्नयन में एलईडी (स्मार्ट टीवी), वॉटर प्यूरीफायर, वर्षा जल संचयन प्रणाली, पोषण वाटिका, और ईसीसीई गतिविधियों हेतु आवश्यक संसाधनों की स्थापना सम्मिलित है।

बच्चों को मिलेगी स्मार्ट शिक्षा

आंगनवाड़ी केन्द्रों में आरंभिक शिक्षा में उन्नत तकनीक के उपयोग किए जाने के संबंध में भूरिया ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी केंद्रों में एलईडी स्मार्ट टेलीविज़न लगाए जा रहे हैं। इनका उपयोग 3 से 6 वर्ष के बच्चों को हिन्दी-अंग्रेज़ी वर्णमाला, गिनती और अन्य पूर्व-प्राथमिक शिक्षा गतिविधियों के विज़ुअल टूल्स के माध्यम से ज्ञान देने में किया जाएगा। यह पहल बच्चों में सीखने के प्रति रुचि और आनंद उत्पन्न करेगी, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बल मिलेगा।

भूरिया ने बताया कि शुद्ध जल हेतु आंगनवाड़ी केंद्रों पर वॉटर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं, जिससे हितग्राहियों को स्वच्छ पेयजल सुलभ हो सके। यह प्रयास जलजनित बीमारियों की रोकथाम में प्रभावी साबित होगा और बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, साथ ही जल स्तर में लगातार गिरावट को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना की जा रही है। बरसात के पानी को संरक्षित कर भूगर्भीय जलस्तर को पुनर्जीवित करने का यह नवाचार राज्य के सतत विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है। विभाग द्वारा इस प्रणाली के संचालन हेतु मैदानी अमले को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

आंगनवाड़यों में पोषण वाटिका

ताजे, पोषक और किफायती खाद्य पदार्थों की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना के प्रयासों की जानकारी देते हुए सुश्री निर्मला भूरिया ने बताया कि हर आंगनवाड़ी केंद्र की उपलब्ध भूमि में पोषण वाटिका तैयार की जा रही है, जिसमें मौसमी सब्जियाँ व फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर ताजे, पोषक और किफायती खाद्य पदार्थों की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जिससे आंगनवाड़ी के बच्चों और आसपास के जरूरतमंद परिवारों को लाभ होगा।

ईसीसीई गतिविधियों से बच्चों का होगा समग्र विकास:

अनुभवजन्य और समावेशी बनाए जाने संबंधी प्रयासों की जानकारी देते हुए सुश्री भूरिया ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में ईसीसीई ( ईअरली चाईल्ड हूड केअर एंड एज्युकेशन) गतिविधियों के अंतर्गत बच्चों को शिक्षात्मक खेल सामग्री, पाठ्य पुस्तिकाएं और अन्य शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे बच्चों का बौद्धिक, संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जाएगा। यह प्रयास बाल शिक्षा को केवल औपचारिक शिक्षा तक सीमित न रखकर उसे अनुभवजन्य और समावेशी बनाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा