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तेहरान, 29 जुलाई (हि.स.)। ईरान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सख्ती से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान ने इजराइल और हमास के बीच गाजा संघर्षविराम वार्ता में हस्तक्षेप किया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बघई ने मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में इस आरोप को “पूरी तरह निराधार” बताया।
यह बयान उस वक्त आया जब ट्रंप ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री किअर स्टारमर के साथ मुलाकात के दौरान दावा किया कि “मुझे लगता है कि ईरान ने इस वार्ता में हस्तक्षेप किया है, हमास को इशारे और आदेश दिए जा रहे हैं।” हालांकि ट्रंप ने इस आरोप के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया।
इसी के जवाब में बघई ने कहा, “यह आरोप केवल अमेरिका की उस भूमिका से ध्यान भटकाने का प्रयास है, जो उसने इजराइल के फिलीस्तीनी जनता के खिलाफ किए गए ‘अत्याचारों’ में निभाई है।” उन्होंने कहा कि हमास के वार्ताकार “गाजा की जनता के हितों को पहचानने और उनका पालन करने में पूरी तरह सक्षम हैं, उन्हें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।”
ईरानी प्रवक्ता ने गाजा में जारी हिंसा को “नरसंहार” करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फिलीस्तीनी जनता की पीड़ा को समाप्त करने और इजराइली कार्रवाइयों को रोकने के लिए ठोस पहल की मांग दोहराई। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान ऐसी हर पहल का समर्थन करता है जो शांति स्थापना और संघर्ष समाप्ति की दिशा में हो।
उल्लेखनीय है कि इजराइल और हमास के बीच संघर्षविराम की वार्ता हाल ही में कतर में आयोजित की गई थी, लेकिन वार्ता उस वक्त स्थगित हो गई जब अमेरिकी और इजराइली प्रतिनिधिमंडल बैठक से बाहर निकल गए। इस घटनाक्रम ने मध्य-पूर्व में शांति की संभावनाओं पर एक बार फिर से प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय