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फतेहाबाद, 30 जुलाई (हि.स.)। सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर आंदोलनरत पेंशन बहाली संघर्ष समिति के आह्वान पर एक अगस्त को पूरे राज्य में केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा अधिसूचित एकीकृत पेंशन योजना के विरोध में ब्लैक डे रखा जाएगा। बुधवार को विभिन्न विभागों का दौरा कररते हुए समिति के जिला फतेहाबाद अध्यक्ष नरेश जांगड़ा ने कहा कि सभी विभागों के कर्मचारी अधिकारी ड्यूटी पर काली पट्टी बांध कर काम करेंगे, दोपहर बाद तीन बजे दीनदयाल उपाध्याय पार्क जगजीवनपुरा में एकत्रित होकर रोष मार्च निकालते हुए उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे। जिला प्रधान ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा 2006 के बाद नियुक्त होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए एनपीएस योजना लागू की गई है, जिसमें कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद नाम मात्र की पेंशन मिलती है जो उसके जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है। इस योजना को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू करवाने के लिए पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा 2018 से लगातार संघर्षरत है। आंदोलन के दबाव के चलते केंद्र सरकार ने एनपीएस के प्रावधानों में बदलाव करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की, जिसमें सरकार ने 50 प्रतिशत पेंशन देने का तो प्रावधान कर दिया परंतु इस योजना के छिपे हुए नियम और शर्तें कर्मचारी के लिए एनपीएस से भी कहीं अधिक खतरनाक हैं। यूपीएस स्कीम में 50 प्रतिशत पेंशन के कम से कम 25 साल की सेवा होनी चाहिए। इसके इलावा कर्मचारी के वेतन में से होने वाली 10 प्रतिशत कटौती जारी रहेगी परन्तु रिटायरमेंट के समय एनपीएस में मिलने वाली 60 प्रतिशत एकमुश्त राशि शून्य कर दी जाएगी। इसके इलावा अंतिम मूल वेतन के आधार पर पेंशन की गणना होगी, महंगाई भत्ता और मेडिकल री इम्बर्समेंट का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार कर्मचारी के वेतन के पैसे को शेयर बाजार के माध्यम से पूंजीपति वर्ग के हवाले कर रही है और कर्मचारी आर्थिक सामाजिक सुरक्षा को दरकिनार करके उसके अधिकार का हनन कर रही है। जिला महासचिव अजीत कुमार व राज्य ऑडिटर विजय भूना ने बताया कि इस कार्यक्रम को राज्य के लगभग सभी कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है और पूरे राज्य में यूपीएस और एनपीएस का जबरदस्त विरोध दर्ज करवाया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा