मौसम : कोलकाता समेत कई जिलों में येलो अलर्ट
मौसमी सिस्टम के  दोहरी मार के कारण बंगाल के कई जिलों में येलो अलर्ट जारी


कोलकाता, 30 जुलाई (हि.स.)।

राज्य भर में मानसून ने एक बार फिर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। बंगाल में सक्रिय चक्रवातीय परिसंचरण और निम्नचाप रेखा के कारण बुधवार सुबह से ही कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में आसमान पर बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही। भारतीय मौसम विभाग के कोलकाता केंद्र ने आज सुबह दो बार येलो अलर्ट जारी करते हुए जनसामान्य को सतर्क रहने की सलाह दी है।

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम बंगाल के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जबकि निम्नचाप रेखा उत्तर-पूर्व अरब सागर से होते हुए गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से गुजरती हुई दक्षिण बांग्लादेश तक फैली हुई है। यही दोहरे मौसमी सिस्टम बंगाल में वर्षा और गरज-चमक की मुख्य वजह बन रहे हैं।

कोलकाता में बुधवार को दिनभर बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया। शहर में बीते 24 घंटों में 36 मिलीमीटर वर्षा हुई है और आर्द्रता का स्तर अधिकतम 100 प्रतिशत और न्यूनतम 89 प्रतिशत तक पहुंच गया है। मौसम विभाग का कहना है कि जुलाई महीने में इस बार पिछले पांच वर्षो की तुलना में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

दक्षिण बंगाल के जिलों जैसे पूर्व और पश्चिम बर्धमान, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में अगले 24 घंटों के दौरान गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है। इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चलने की भी संभावना है। विभाग ने चेतावनी दी है कि गुरुवार शाम तक कुछ राहत मिल सकती है लेकिन अत्यधिक नमी के कारण उमस बनी रहेगी और लोगों को असुविधा हो सकती है।

उत्तर बंगाल के जिलों में भी बारिश का असर तेज होने वाला है। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और जलपाईगुड़ी में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। शेष जिलों में भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। शुक्रवार शाम के बाद बारिश और अधिक तीव्र हो सकती है और शनिवार से सोमवार के बीच दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, अलीपुरद्वार, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में भारी से अति भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। उत्तरी जिलों में लगातार वर्षा के चलते तिस्ता, तोर्सा और जलढाका नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का भी खतरा मंडरा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय