व्यक्तित्व का निर्माण होता है वाणी और अंतःकरण के संतुलन से : परिपूर्णानंद
कार्यक्रम में बैठे अतिथिगण


रांची, 30 जुलाई (हि.स.)। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा, रांची में कक्षा 11वीं के नवप्रवेशित छात्रों के लिए बुधवार को व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य विद्यार्थियों को विद्यालय की अनुशासनात्मक और सांस्कृतिक परंपराओं से अवगत कराते हुए उनके व्यक्तित्व को समग्र रूप से विकसित करना था।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि स्वामी परिपूर्णानंदजी महाराज, आचार्य, चिन्मय मिशन को शिशु विकास मंदिर समिति के संरक्षक पवन मंत्री ने अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विद्यालय के प्राचार्य ललन कुमार ने अतिथियों का परिचय कराया।

इस अवसर पर समिति के मंत्री अखिलेश्वर नाथ मिश्र ने कहा कि यह शिविर छात्रों के भीतर आत्मचिंतन, लक्ष्य निर्धारण और नैतिक मूल्यों की भावना विकसित करने का माध्यम है।

मुख्य अतिथि स्वामी परिपूर्णानंदजी महाराज ने कहा कि व्यक्तित्व का निर्माण वाणी, अंतःकरण, व्यवहार और भावनाओं के संतुलन से होता है। अध्यक्षीय आशीर्वचन में समिति अध्यक्ष शक्तिनाथ लाल दास ने कहा कि विद्या से विनय और विनय से गुणों की प्राप्ति होती है।

इस अवसर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। कैरियर काउंसलर अजय कुमार सिंह, मनीष कुमार, कुंदन कुमार सिंह, राकेश पाठक और डॉ आरएस डे ने छात्रों को कैरियर की दिशा में मार्गदर्शन दिया।

शिविर के समापन सत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी को भावविभोर कर दिया।

कार्यक्रम में डॉ धनेश्वर महतो, नर्मदेश्वर मिश्र, लाल अशोक नाथ शाहदेव, विनोद सिंह और उपप्राचार्या मीना कुमारी सहित समिति के कई सदस्य मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar