उद्यानिकी फसलों के लिए फसल बीमा आवेदन 31 जुलाई तक
उद्यानिकी फसलों के लिए फसल बीमा आवेदन 31 जुलाई तक


जगदलपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। खरीफ फसल सीजन वर्ष 2025-26 हेतु उद्यानिकी फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा करवाने हेतु इच्छुक कृषक 31 जुलाई तक अपने आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। जिसके टमाटर, बैंगन, मिर्च, अदरक, केला, पपीता तथा अमरूद हेतु किसानों को न्यूनतम 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा और शेष प्रीमियम राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। टमाटर के लिए प्रति हेक्टेयर एक लाख 20 हजार रुपये की बीमित राशि है, जिसके लिए किसानों को मात्र 6 हजार रुपये का प्रीमियम देना होगा। बैंगन के लिए प्रति हेक्टेयर 77 हजार रुपये की बीमा राशि निर्धारित की गई है, जिसके लिए किसानों को प्रीमियम के तौर पर मात्र तीन हजार 850 रुपये का भुगतान करना होगा। मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 68 हजार रुपये की बीमा राशि निर्धारित की गई है, जिसके लिए किसानों को प्रीमियम के तौर पर तीन हजार 400 भुगतान करना होगा।

एड ऑन कवरेज हेतु प्रति हेक्टेयर 22 हजार रुपये निर्धारित की गई है, जिसके लिए 1100 रुपये का भुगतान और करना होगा। अदरक की खेती के लिए एक लाख 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर बीमा राशि निर्धारित की गई है, जिसके लिए प्रीमियम की राशि 7 हजार 500 रुपये निर्धारित की गई है। केले की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 85 हजार रुपये बीमा राशि तथा 4 हजार 250 रुपये निर्धारित की गई है। एड ऑन के रूप में प्रति हेक्टेयर 80 हजार रुपये की बीमा राशि तथा 4 हजार रुपये की प्रीमियम राशि और निर्धारित की गई है। पपीते की खेती के लिए 87 हजार रुपये बीमा राशि तथा 4 हजार 350 रुपये प्रीमियम राशि निर्धारित की गई है। एड ऑन के रूप में प्रति हेक्टेयर 38 हजार रुपये बीमा राशि तथा एक हजार 900 रुपये प्रीमियम राशि निर्धारित की गई है। अमरूद की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 45 हजार रुपये बीमा राशि तथा 2 हजार 250 रुपये प्रीमियम राशि निर्धारित की गई है। बीमा कंपनियां 14 स्थानों पर स्थापित स्वचालित मौसम स्टेशनों से प्राप्त मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर किसानों को बीमा दावा भुगतान करेंगी।

फसल बीमा योजनांतर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे-कम वर्षा, अधिक वर्षा, बेमौसम वर्षा, कीट एवं व्याधि प्रकोप से अनुमानित उपज में कमी के आधार पर फसल क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जाएगा। योजना अंतर्गत लगाए गए फसल का एक ही बार बीमा का लाभ प्राप्त कर सकता है। एक रकबे का एक से अधिक बार बीमा होने की स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा ऐसे सभी दावों को निरस्त कर दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, स्थानीय उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अथवा सहायक संचालक उद्यानिकी जिला बस्तर के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। किसानों द्वारा टोल फ्री नंबर 1800-419-0344 पर भी संपर्क किया जा सकता है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने और उनकी आय में स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे