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जम्मू, 30 जुलाई (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने आज जम्मू-कश्मीर में लागू की जा रही वित्तीय समावेशन पहल और लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव ने केंद्र शासित प्रदेश में सभी वित्तीय समावेशन योजनाओं की संतृप्ति की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं में कम नामांकन दर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने संबंधित विभागों को मिशन मोड में कवरेज बढ़ाने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र नागरिक छूट न जाए। मुख्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकारी कार्यक्रमों में जनता का विश्वास पैदा करने के लिए लाभों की त्वरित और निर्बाध डिलीवरी महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों को सभी पात्र व्यक्तियों तक योजना का लाभ समय पर पहुंचाना सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह की दक्षता अधिक नागरिकों को आगे आने और इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
मुख्य सचिव ने जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार डेटाबेस को मृत्यु के कारण के चिकित्सा प्रमाणन (एमसीसीडी) प्रणाली के साथ एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह एकीकरण बीमा दावों और पेंशन निपटान जैसे लाभों के संचय को सुव्यवस्थित करेगा देरी को कम करेगा और कुशल सेवा वितरण सुनिश्चित करेगा।
इसके अलावा उन्होंने विभागों से चल रहे आउटरीच अभियान को तेज करने और उपलब्ध योजनाओं की सटीक जानकारी हर घर तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भागीदारी बढ़ाने के लिए नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता