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जयपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में हो रही निंरतर बारिश के चलते अधिकारी अलर्ट मोड पर रहें। अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ काम करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव वाले स्थानों पर सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ काम करें जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन पूरी सक्रियता से काम करे। शर्मा ने प्रदेशवासियों से बारिश के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि भारी बारिश, आकाशीय बिजली एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए भी पूरी तरह सतर्क रहें। बाढ़ग्रस्त मार्गों, पुलों और तेज बहाव वाले नदी-नालों को पार करने से बचें। साथ ही, प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम को जानकारी दें जिससे राहत कार्यों में तेजी आ सके।
शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आपदा राहत प्रबंधन की बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रही निरंतर बारिश के चलते अधिकतर बांध, नदियां, तालाब और जलाशय लबालब भर चुके हैं। ऐसे में अधिकारी इनके जल स्तर संबधी अपडेट लेते हुए निचले और बाढ़ संभावित इलाकों को सूचीबद्ध कर कार्मिक नियुक्त करें तथा उन क्षेत्रों की विशेष निगरानी रखें। उन्होेंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार चेतावनी बोर्ड लगाकर किसी भी तरह की दुर्घटना से रोका जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होमगार्ड के दल पर्याप्त संसाधनों के साथ अलर्ट रहें तथा आमजन की आवाजाही को ऐसे स्थानों पर निषेध किया जाए। साथ ही, रपट जैसे स्थानों पर पानी चलने के दौरान अस्थायी चौकी लगाकर वाहनों का आवागमन रोका जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1070 तथा 112 एवं जिला स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1077 का चौबीसों घंटे संचालन किया जा रहा है। अधिकारी कंट्रोल रूम में आई शिकायतों पर त्वरित एक्शन लेते हुए आमजन को शीघ्र राहत पहुंचाएं। उन्होंने अधिकारियों को अतिवृष्टि से प्रभावित आमजन और पशुधन को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने तथा वहां शुद्ध पेयजल के साथ नियमित सफाई भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता और सेवाओं को सुचारू रखा जाए। जलभराव क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पेयजल-खाद्य सामग्री सहित जरूरी वस्तुओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जलभराव वाले स्थानों पर मौसमी बीमारियों की रोकथाम, दवाईयों की पर्याप्त आपूर्ति, अस्पतालों में आपातकालीन चिकित्सा सहायता जैसे कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि अधिकारी संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग संबंधित विभागों से समन्वय कर संसाधनों की पर्याप्त आपूर्ति प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। शर्मा ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि आमजन के लिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने अधिकारियों को सड़कों की मरम्मत, बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली को और अधिक सक्रिय करने, आमजन को विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जागरूक करने, स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता बढ़ाने, नालों की सफाई एवं जल निकासी व्यवस्था जैसे कामों को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए।
बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने आपदा राहत की तैयारियों को लेकर जानकारी दी। इस दौरान मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश