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रांची, 30 जुलाई (हि.स.)। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा है कि जिस पार्टी को इस राज्य में अभी तक मंडल अध्यक्ष नहीं मिला। उन्होंने कहा कि 27 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई लेकिन झारखंड में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला। लेकिन भाजपा महागठबंधन सरकार के विकास पर लगातार प्रश्न खड़ा कर रही है।
सिन्हा बुधवार को पार्टी मुख्याालय में आयोजित प्रेस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सीएनटी और एसपीटी एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव लाकर आदिवासियों की भावनाओं को आहत किया। लेकिन महागंठबंधन ने सरना धर्मकोड को विधानसभा से पारित कर केन्द्र को भेजा, लेकिन भाजपा के किसी सांसद ने लोकसभा में यह प्रश्न नहीं पूछा सका कि सरना धर्मकोड अभी तक क्यों नहीं लागू हुआ।
संसद में झारखंड से भाजपा के नौ सांसद है, जिसमें दो केन्द्रीय मंत्री हैं। लेकिन इसके बावजूद वे राज्य की जनता का बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास की चिंता भाजपा को नहीं है। भाजपा सिर्फ बयानवीर बनकर अपनी जिम्मेवारियों से बचना चाहती है।
सिन्हा ने कहा कि जिस पार्टी में समन्वय नहीं है वे हमारी समन्वय की बात कर रहे हैं। हमारा समन्वय बिलकुल मजबूत है। उन्होंने कहा कि सत्ता से दूर होने का प्रतिकूल प्रभाव भाजपा पर पड़ा है और यही कारण है कि सरकार के हर अच्छे कार्यों पर भाजपा प्रश्न खड़ा कर रही है, यही उसके जलन की वजह है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak