नेकां नेता ने कहा राज्य का दर्जा मिलने पर नई विधानसभा अनिवार्य नहीं
जम्मू, 3 जुलाई (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रत्तन लाल गुप्ता ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने के बाद नई विधानसभा का गठन अनिवार्य होगा। उन
नेकां नेता ने कहा राज्य का दर्जा मिलने पर नई विधानसभा अनिवार्य नहीं


जम्मू, 3 जुलाई (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रत्तन लाल गुप्ता ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने के बाद नई विधानसभा का गठन अनिवार्य होगा। उन्होंने इन कयासों को संविधान के खिलाफ और लोकतांत्रिक रूप से भ्रामक करार दिया है। एक आधिकारिक बयान में गुप्ता ने स्पष्ट किया कि राज्य का दर्जा मिलने पर विधानसभा भंग करना कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं बल्कि एक राजनीतिक निर्णय होता है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हालिया बयान का स्वागत किया जिसमें उन्होंने राज्य का दर्जा मिलने पर विधानसभा भंग करने पर कोई आपत्ति न होने की बात कही थी, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसा करना किसी कानून की मांग नहीं है।

गुप्ता ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अधिकार है कि वह संसद के माध्यम से किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की संरचना बदले, सीमाएं तय करे या दर्जा परिवर्तित करे। इसी आधार पर जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 पारित हुआ था। उन्होंने कहा यदि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा देना चाहती है, तो वह मौजूदा अधिनियम में संशोधन कर सकती है, और वर्तमान विधानसभा को ही नए राज्य की पहली विधानसभा के रूप में मान्यता दी जा सकती है।

उन्होंने गोवा का उदाहरण देते हुए कहा कि 1987 में जब गोवा को राज्य का दर्जा मिला, तब उसकी विधानसभा को तुरंत भंग नहीं किया गया था, बल्कि बाद में राजनीतिक इच्छाशक्ति के आधार पर चुनाव कराए गए। राज्य के हालात पर बात करते हुए गुप्ता ने कहा, केंद्र सरकार लगातार कहती है कि उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा लेकिन अब इससे अधिक उपयुक्त समय नहीं हो सकता। अमन-चैन की वापसी, रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक आगमन, सफल जी20 आयोजन और अमरनाथ यात्रा का शांतिपूर्ण संचालन, यह सब इस बात के प्रमाण हैं कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट चुकी है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा विधानसभा जनता का प्रतिनिधित्व करती है और राज्य का दर्जा मिलने पर भी वैध रूप से कार्यरत रह सकती है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वे इस विषय पर अधूरी या भ्रामक जानकारियों को फैलाने से बचें और जनता के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान करें।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा