बिहार के बक्सर से भागलपुर तक गंगा में उफान की स्थिति, विभाग ने जारी की चेतावनी
पटना, 03 जुलाई (हि.स.)। बिहार में गंगा में बाढ़ की स्थिति धीरे धीरे नजर आने लगी है।राज्य के बक्सर और भागलपुर जिले में यह स्थिति साफ ताैर से देखी जा रही है। बक्सर से भागलपुर तक के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति की आहट सुनाई देने लगी है। केंद्रीय जल आयोग
बिहार के बक्सर से भागलपुर तक गंगा में उफान की स्थिति, विभाग ने जारी की चेतावनी


पटना, 03 जुलाई (हि.स.)। बिहार में गंगा में बाढ़ की स्थिति धीरे धीरे नजर आने लगी है।राज्य के बक्सर और भागलपुर जिले में यह स्थिति साफ ताैर से देखी जा रही है। बक्सर से भागलपुर तक के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति की आहट सुनाई देने लगी है।

केंद्रीय जल आयोग और जल संसाधन विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले 24 से 48 घंटों में गंगा का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ सकता है। हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं का असर अब बिहार की धरती पर दिखने लगा है।

बक्सर में गंगा का जलस्तर 1.66 मीटर बढ़ गया, जो सीधे हिमाचल से आने वाले पानी का प्रभाव है। दीघा घाट, गांधी घाट, हाथीदह, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर और कहलगांव में भी जलस्तर बढ़ने की आशंका है। जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को सभी तटबंधों पर चौकसी बढ़ाने और आवश्यक तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में हुई बढ़ोत्तरी

पटना के दीघा घाट में 27 सेमी से अधिक की बढोत्तरी, गांधी घाट में 19 सेमी से अधिक की बढोत्तरी और हाथीदह में 16 सेमी से अधिक की बढोत्तरी हुई है। वही मुंगेर जिले में गंगा के जलस्तर में 12 सेमी से अधिक की बढोत्तरी हुई है। भागलपुर मेंं 8 सेमी से अधिक की बढ़ाेत्तरी हुई है। कहलगांव में 10 सेमी से अधिक की बढोत्तरी हुई है ।

इन आँकड़ों ने सरकारी अमले की चिंता बढ़ा दी है। कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने स्पष्ट किया है कि गंगा की स्थिति पर चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।

बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के प्रबोध डेरा गांव में गंगा का पानी बढ़ने के साथ ही भयानक कटाव शुरू हो चुका है। तीन हजार की आबादी वाला यह गांव पिछले दस वर्षों से कटाव की चपेट में है, लेकिन अब स्थिति भयावह होती जा रही है। यहां ग्रामीण गंगा किनारे खड़े होकर कटाव की विभीषिका को देख रहे है। तेज धारा तट से टकराती है और बार-बार की टक्कर से मिट्टी धसक कर नदी में समा जाती है। ग्रामीणों की आशंका है कि अगर समय रहते हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो जल्द ही उनके घर-आंगन भी गंगा में समा जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी