आज का युवा शब्दकोश से दूर होता जा रहा है : प्रो.मुश्ताक़ अली
--हिन्दी ने सभी भाषाओं के शब्दों को सहर्ष स्वीकारा है : प्रो.मुश्ताक़ अलीप्रयागराज, 03 जुलाई (हि.स.)। मोबाइल आने के बाद आज के युवा शब्दों के अर्थ शब्दकोशों में नहीं बल्कि मोबाइल में ही खोजते हैं। ऐसे में शब्दों की उत्पत्ति और उनकी व्यंजना को समझने में
सम्बोधित करते वक्ता


--हिन्दी ने सभी भाषाओं के शब्दों को सहर्ष स्वीकारा है : प्रो.मुश्ताक़ अलीप्रयागराज, 03 जुलाई (हि.स.)। मोबाइल आने के बाद आज के युवा शब्दों के अर्थ शब्दकोशों में नहीं बल्कि मोबाइल में ही खोजते हैं। ऐसे में शब्दों की उत्पत्ति और उनकी व्यंजना को समझने में युवा पीढ़ी असमर्थ होती जा रही है। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि शब्दकोश से ज्यादा सुलभ है। यह बात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग की ओर से आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुरुवार को हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.मुश्ताक़ अली ने कही। प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रो.अली ने कहा कि हिन्दी भाषा सबको साथ लेकर चलने वाली भाषा है। इसमें अंग्रेजी, पुर्तगाली, उर्दू सहित तमाम भाषाओं के शब्द सम्मिलित हैं। जिनको कार्यालयों में सहजता से स्वीकार किया गया है। कार्यालयी भाषा और साहित्यिक भाषा अलग-अलग होती है। साहित्यिक हिन्दी का सम्बन्ध अनुभूतियों और संवेदनाओं से है। साहित्यिक हिन्दी में सर्जनात्मकता और विचारपरकता होती है। कार्यालयी हिन्दी की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें निरवैयक्तिकता, तथ्यात्मकता और स्पष्टता होनी चाहिए। कार्यालयी हिन्दी में प्रायः तत्सम शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है और यह आज्ञार्थक एवं सुझावपरक भी होती है।

--इविवि समर्थ पोर्टल और ई-फाइलिंग में हिन्दी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत : डॉ. नीलेश आनंददूसरे सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय आईसीटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. नीलेश आनंद ने समर्थ पोर्टल प्रबंधन एवं ई फाइलिंग और हिन्दी विषय पर कहा कि समर्थ पोर्टल के लिए हिन्दी सहज स्वीकृत भाषा है। समर्थ पर हिन्दी के प्रचलित फॉन्ट में आसानी से सूचनाएं अंकित की जा सकती हैं। डॉ. आनन्द ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में समर्थ प्रबंधन और ई फाइलिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं को पीपीटी के माध्यम से स्पष्ट किया।

समर्थ पोर्टल के बारे में उन्होंने बताया कि समर्थ आपकी डिजिटल सर्विस बुक है। ये डिजिटल इंडिया का एक भाग है। जो भी डिजिटल होगा पेपरलेस होगा। डॉ. आनंद ने बताया कि वेतन पर्ची, चिकित्सा विपत्र, छात्रावास आवंटन, छात्रों का समस्त विवरण, शिक्षण शुल्क प्रतिपूर्ति, अवकाश सहित अन्य सभी सुविधाएँ समर्थ पोर्टल से ही उपलब्ध हो सकेंगी। इविवि समर्थ पोर्टल और ई-फाइलिंग में हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत है।

इविवि की पीआरओ प्रो जया कपूर ने बताया कि गुरुवार के दोनों सत्रों में राजभाषा कार्यान्वयन समिति के संयोजक प्रो. कुमार वीरेंद्र ने सम्बंधित विषय पर अपनी बात रखते हुए विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इस बार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को नवनियुक्त युवा कार्मिकों को दृष्टि में रखकर संयोजित किया गया है। हिन्दी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव एवं हिन्दी अनुवादक हरिओम कुमार ने स्मृति चिन्ह एवं किताबें भेंट कर दोनों सत्र के विषय विशेषज्ञों का अभिनन्दन किया। धन्यवाद ज्ञापन अंजली मिश्रा और धर्मेश कुमार ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र