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नई दिल्ली, 3 जुलाई (हि.स.)। चुनाव आयोग ने बुधवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बिहार में चल रही संपूर्ण विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया की जानकारी दी। आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध, पारदर्शी और सहभागी ढंग से चल रही है ताकि सभी पात्र नागरिकों का नाम निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किया जा सके। इस संबंध में अंतिम नामावली 30 सितंबर को जारी होगी।
आयोग के अनुसार कांग्रेस, राजद, सपा, डीएमके, एनसीपी (शरद पवार), झामुमो, वामदलों समेत कुल 10 दलों के प्रतिनिधियों ने कल बैठक में भाग लिया। वहीं 1.54 लाख बूथ लेबल एजेंट (बीएलए) की भागीदारी से प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। आयोग ने प्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि 25 जून से 3 जुलाई तक लगभग 7.90 करोड़ मतदाताओं को ईएफ फॉर्म वितरित किए जा रहे हैं। फॉर्म ऑनलाइन पोर्टल से भी डाउनलोड किए जा सकते हैं। दस्तावेजों के लिए 2003 की नामावली का उपयोग किया जा रहा है। दस्तावेज जमा करने की शर्तें जन्मतिथि के आधार पर तय की गई हैं।
अब 25 जुलाई तक भरे हुए फॉर्म जमा होंगे, जिनकी पावती बीएलओ देंगे। एक अगस्त को प्रारूप नामावली प्रकाशित होगी और एक सितंबर तक दावे-आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा। अंतिम नामावली 30 सितंबर को जारी होगी। आयोग ने सभी नागरिकों से इस अभियान में भाग लेने की अपील की है ताकि कोई भी पात्र मतदाता वंचित न रहे।
आयोग के अनुसार एक जनवरी 2003 की मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं को केवल एन्यूमरेशन फॉर्म और सूची की प्रति जमा करनी होगी। उन्हें अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं है। वहीं 2003 की सूची में नाम नहीं होने पर जन्मतिथि और जन्म स्थान के लिए दस्तावेज देना होगा। एक जुलाई 1987 से पहले जन्मे व्यक्ति स्वयं का दस्तावेज दें। एक जुलाई 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे व्यक्ति स्वयं और एक अभिभावक का और दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे दोनों अभिभावकों के दस्तावेज भी दें। यदि अभिभावक 2003 की सूची में दर्ज हैं, तो अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा