केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने ‘एनीमल टैक्सोनॉमी समिट-2025’ के समापन सत्र की अध्यक्षता की
कोलकाता, 3 जुलाई, (हि.स.)। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) द्वारा आयोजित ‘एनीमल टैक्सोनॉमी समिट-2025’ का गुरुवार को समापन हुआ। समापन सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा विदेश मंत्रालय, कीर्ति वर्धन सिंह ने
किर्तिवर्धन सिंह


कोलकाता, 3 जुलाई, (हि.स.)। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) द्वारा आयोजित ‘एनीमल टैक्सोनॉमी समिट-2025’ का गुरुवार को समापन हुआ। समापन सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा विदेश मंत्रालय, कीर्ति वर्धन सिंह ने की। इस समिट का उद्देश्य पशु वर्गीकरण के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और संरक्षण प्रयासों को सुदृढ़ करना था।

अपने संबोधन में कीर्ति वर्धन सिंह ने जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संस्था ने भारत में एक लाख से एक लाख पांच हजार प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन का उल्लेख किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने ‘पंच प्रण’ को अपनाने का आह्वान किया था।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत वैश्विक जैव विविधता प्रयासों में एक विचारशील नेतृत्व के रूप में उभरा है। उन्होंने भारतीय परंपरा में ज्ञान के प्रति सम्मान का उदाहरण देते हुए कहा कि संत दत्तात्रेय के 24 गुरुओं में से कई जानवर थे, जो प्राकृतिक दुनिया से सीखने की पवित्रता को दर्शाते हैं। उन्होंने जेडएसआई के वैज्ञानिकों को आधुनिक ऋषियों के रूप में संबोधित किया, जो जीवन के विभिन्न प्रजातियों को सटीकता और समर्पण के साथ डिकोड कर रहे हैं।

इस समिट का यह तीसरा संस्करण था, जो तीन दिनों तक चला और इसमें पांच देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समिट में ‘टैक्सोनॉमी’, ‘सिस्टमेटिक्स’, और ‘फॉना डाइवर्सिटी एंड कंजरवेशन’ जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई। 22 प्रमुख भाषणों और 170 पोस्टर प्रस्तुतियों के माध्यम से कई अनुसंधानकर्ताओं ने अपने विचार साझा किए। समिट से प्राप्त सिफारिशों को भारत सरकार को सौंपा जाएगा ताकि जैव विविधता के दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए भविष्य की रणनीतियों को आकार दिया जा सके।

समापन सत्र के दौरान कीर्ति वर्धन सिंह ने जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन किया, जिनमें भारतीय जंपिंग स्पाइडर्स और टारेंटुलस पर विशेष कैटलॉग शामिल हैं। इन पुस्तकों में भारत के विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों और वन्यजीव अभयारण्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

इसके अलावा, समिट के दौरान सर्वोत्तम पोस्टर प्रस्तुतियों के लिए शोधकर्ताओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।

इस वर्ष जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का 110वां स्थापना दिवस था। इस अवसर पर जेडएसआई ने ‘बायोडायवर्सिटी कंजरवेशन एंड क्लाइमेट चेंज’ पर 110 घंटे की हैकथॉन का आयोजन किया, जिसमें छात्रों और शोधकर्ताओं ने सामूहिक रूप से पारिस्थितिकी से जुड़े चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया।

समिट के इस समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी उपस्थित रहे और उन्होंने हैकथॉन के अंतिम दौर का उद्घाटन किया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर