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जम्मू, 2 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए एक विशेष ‘मे आई हेल्प यू’ महिला कर्मियों की टीम तैनात की है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अर्धसैनिक बल ने वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सबसे अधिक संख्या में जवानों को तैनात किया है जिसे बुधवार को जम्मू से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाई। यात्रा के लिए तैनात 581 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों में से 219 सीआरपीएफ से हैं जबकि बाकी बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे बलों से हैं। 3,880 मीटर ऊंचे मंदिर की तीर्थयात्रा 3 जुलाई को कश्मीर घाटी से दो मार्गों अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा लेकिन अधिक खड़ी बालटाल मार्ग से शुरू होगी।
सीआरपीएफ ने आधार शिविर से लेकर दोमेल के प्रवेश बिंदु तक महिला तीर्थयात्रियों की मदद के लिए बालटाल मार्ग पर ‘मे आई हेल्प यूू’ लिखे नारंगी रंग के बनियान पहने अपनी महिला कर्मियों की एक टीम तैनात की है। अधिकारियों ने बताया कि ये टीमें महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात रहेंगी।
सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक और यात्रा के संयुक्त नोडल अधिकारी सुधीर कुमार ने कहा कि बल सभी हितधारकों के साथ समन्वय में तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित अमरनाथ यात्रा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सभी टीमों को तीर्थयात्रियों को समय पर सहायता प्रदान करने और एक मजबूत सुरक्षा कवर प्रदान करने का काम सौंपा गया है। पिछले साल भी यात्रा की निगरानी करने वाले कुमार ने कहा कि इस आयोजन के लिए सभी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
सीआरपीएफ ने दो यात्रा ट्रैक पर अपने पर्वतीय बचाव दल (एमआरटी) के हिस्से के रूप में 30 कर्मियों वाली एक टीम भी तैनात की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह चिकित्सा जटिलताओं के मामले में तीर्थयात्रियों को बचाने में मदद करेंगे जो आमतौर पर उच्च ऊंचाई के कारण होती हैं और किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा का जवाब देते हैं। यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी। इस वर्ष की तीर्थयात्रा के लिए अब तक 3.31 लाख से अधिक भक्तों ने पंजीकरण कराया है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता