राज्य सभा में सांसद सतनाम संधू ने उठाया पंजाब में नहरी सिंचाई प्रणाली का मुद्दा
सतनाम संधू


- शाहपुरकंडी बांध समेत नहरी परियोजनाओं को किया जाए मजबूत

चंडीगढ़, 29 जुलाई (हि.स.)। संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान राज्य सभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने भारत में नहर नेटवर्क के निर्माण, पुनरुद्धार और मरम्मत के संबंध में मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा।

सतनाम संधू के सवाल के जवाब में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने बताया कि खेतों तक पानी की पहुंच बढ़ाने और सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करने, खेतों में जल उपयोग दक्षता में सुधार लाने और स्थायी जल संरक्षण प्रथाओं को लागू करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने वर्ष 2015-16 के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की थी, जिसमें एक्सिलरेटेड इरिगेशन बेनेफिट प्रोग्राम और हर खेत को पानी दो प्रमुख अंग हैं।

राज्यसभा सांसद सतनाम संधू ने संसद में पूछे गए अपने सवाल में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से चालू वित्तीय वर्ष और उससे आगे के लिए देश भर में नई नहरों के निर्माण की योजना की जानकारी भी मांगी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लिखित उत्तर में बताया कि 2016-17 के दौरान 34.64 लाख हेक्टेयर की शेष सिंचाई क्षमता वाली 99 चालू वृहद और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं (एमएमआई) (7 चरणों में) को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसी प्रकार, मार्च 2021 से पीएमकेएसवाई 2.0 के अंतर्गत 5.60 लाख हेक्टेयर की अंतिम सिंचाई क्षमता वाली 11 नई एआईबीपी परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा, रेणुका जी, लखवाड़ और शाहपुर कंडी राष्ट्रीय परियोजनाओं के साथ-साथ राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर की 2 रीलाइनिंग के लिए भी अप्रैल 2021 से पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

एक अन्य प्रश्न में सांसद संधू ने पंजाब से होकर गुजरने वाली प्रस्तावित नई नहर परियोजनाओं के बारे में जल शक्ति मंत्री ने बताया कि पंजाब में दो भागों वाली एक प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजना प्रगति पर है विस्तार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (ईआरएम) परियोजना और एक कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन (सीएडी और डब्ल्यूएम) परियोजना, जो जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार विभाग द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित है।

पंजाब सरकार के अनुसार, 545 किलोमीटर लंबी कुल 79 नहरों का जीर्णोद्धार किया गया है। 213 किमी लंबी 12 नहरों वाली लूथर नहर प्रणाली, तरनतारन जिले में लगभग 23 नहरों को पुनर्जीवित किया गया है तथा मलेरकोटला जिले में नए क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराने के लिए रोहिरा, कंगनवाल, डेहलों नहरों का विस्तार शामिल है। राज्य सरकार ने मलेरकोटला, पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का और मुक्तसर जिलों में नई नहरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा