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भुवनेश्वर, 29 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक और महान विद्वान ईश्वर चंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। विद्यासागर जी ने न केवल भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि उन्होंने नारी शिक्षा और समाज में समानता की आवश्यकता को भी उजागर किया। उनका विश्वास था कि समाज तभी प्रगति कर सकता है, जब उसमें हर व्यक्ति विशेषकर महिलाओं और पिछड़े वर्गों को समान अवसर मिले। शिक्षा के साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भी सशक्त बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। विद्यासागर का जीवन हम सभी को सदैव समाज के उत्थान हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।''
उल्लेखनीय है कि ईश्वर चंद विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर, 1820 को बिरसिंघा गांव (वर्तमान में मेदिनीपुर जिला, पश्चिम बंगाल) में हुआ था। वह महान शिक्षाविद, समाज सुधारक और एक महान विद्वान थे। उनकी विद्वता के कारण ही उन्हें विद्यासागर की उपाधि दी गई थी। उन्होंने स्त्रियों की शिक्षा और विधवा विवाह कानून के लिए आवाज उठाई। वह अपने कार्यों के लिए समाज सुधारक के तौर पर पहचाने जाने लगे। उन्हीं के प्रयासों से साल 1856 में विधवा-पुनर्विवाह कानून पारित हुआ था। 29 जुलाई 1891 को महान हस्ती ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो