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पलामू, 29 जुलाई (हि.स.)। नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं और जीएसटी चोरी के गंभीर आरोपों को लेकर राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय और इसके अंगिभूत महाविद्यालयों में भ्रष्टाचार, शैक्षणिक व्यवस्था की गिरावट, प्राइवेट कॉलेज में परीक्षा सेंटर बनाने, पीएचडी इंट्रेस परीक्षा में गड़बड़ी और जीएसटी उल्लंघन को लेकर बिंदुवार शिकायत सौंपी।
मंत्री ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि राज्य में किसी भी प्रकार का वित्तीय भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।
प्रदेश उपाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में डिजिटल बोर्ड की खरीद के नाम पर करोड़ों की लूट हुई है। छात्रों के नाम पर बजट स्वीकृत होता है और उसका बंदरबांट अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच होता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में इडी और डीजीजीआई जैसी एजेंसियां भी हस्तक्षेप करें और दोषियों को जेल भेजा जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता राहुल कुमार दुबे ने कहा कि एक ओर सरकार डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन डिजिटल बोर्ड के नाम पर जीएसटी चोरी और सरकारी धन की बर्बादी कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस वस्तु की की ऑनलाइन कीमत 1.75 लाख है उसे 3.91 लाख रुपए में खरीदा गया। यह खुला भ्रष्टाचार है। यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो हम अदालत और जनता दोनों का दरवाजा खटखटाएंगे। सभी ने वित्त मंत्री से जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी, जीएलए कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष रिषु दुबे सहित कई छात्र नेता उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार