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- खराब लिंगानुपात पर एसटीएफ की कार्रवाई
चंडीगढ़, 29 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स के अध्यक्ष तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने लिंगानुपात में गिरावट के चलते पांच जिलों में सीएमओ से पीएनडीटी पॉवर वापस लेने के आदेश दिए हैं।
मंगलवार को चंडीगढ़ में एसटीएफ की बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 15 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में सुधार हुआ है, जबकि पांच जिलों अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, पलवल और सिरसा ने उम्मीद से कम प्रदर्शन किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि पीएनडीटी अधिनियम के तहत इन पांच जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की सभी शक्तियां वापस ले ली जाएं और पड़ोसी जिलों के सीएमओ को दे दी जाएं।
उन्होंने यह भी आदेश दिया कि इन जिलों में पीएनडीटी अधिनियम के नोडल अधिकारियों को चार्जशीट किया जाए तथा उनके स्थान पर नए अधिकारी नियुक्त किए जाएं। इन जिलों में अवैध गर्भपात को रोकने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की निगरानी के लिए एचसीएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित विशेष राज्य दस्ते (स्कवॉड) गठित किए जाएंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि लिंग निर्धारण परीक्षण सहित अवैध गर्भपात प्रथाओं में शामिल डॉक्टरों/झोलाछाप डॉक्टरों की प्रामाणिक और सटीक जानकारी संबंधित सीएमओ को प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति को 1 लाख रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे अस्पतालों और केन्द्रों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध करने से हटा दिया जाए तथा ऐसे केन्द्रों को दी जाने वाली अन्य सरकारी सुविधाएं भी बंद कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सभी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग लागू कर रहा है, विशेषकर जहां महिलाओं की पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं। पिछले सप्ताह रिवर्स ट्रैकिंग के संदिग्ध मामलों में 10 और एफआईआर दर्ज की गईं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा