पतंजलि विश्वविद्यालय में शास्त्रार्थ का महामंच
पतंजलि योगपीठ


हरिद्वार, 29 जुलाई (हि.स.)। पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार में 31 जुलाई और 1 अगस्त को दो दिवसीय तृतीय राष्ट्रीय स्वर्णशलाका प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में देेश के विभिन्न राज्यों के संस्कृत के प्रख्यात विद्वान, शास्त्रज्ञ, शोधार्थी व विद्यार्थी भाग लेंगे।

यह आयोजन भारतीय शास्त्रीय परंपरा के गहन विमर्शों को मंच प्रदान करता है, जिसमें न्याय दर्शन, व्याकरण सूत्र, वेद-वेदान्त सहित प्रमुख शास्त्रों के सूत्रों एवं विचारों पर शास्त्रार्थ (वाग्वाद) और वाक्यार्थ (अर्थविचार) प्रस्तुत किए जाएंगे। आयोजन में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं योगगुरु स्वामी रामदेव तथा कुलपति आचार्य बालकृष्ण की उपस्थिति रहेगी।

कार्यक्रम के पहले दिन 31 जुलाई को प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों में शास्त्रार्थ, वाक्यार्थ और शास्त्रश्रवण प्रमुख आकर्षण होंगे। देश के विद्वानों द्वारा प्रस्तुत गूढ़ तात्त्विक विचार न केवल शास्त्रीय परंपरा को आधुनिक मंच देंगे, बल्कि युवा विद्यार्थियों को भारतीय दर्शन से जोड़ने का कार्य भी करेंगे। वहीं दूसरे दिन समापन समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।

प्रतियोगिता में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो.श्रीनिवास बरखेड़ी, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री सहित प्रो. शिवानी, प्रो. ब्रजभूषण ओझा, प्रो. भोला झा, प्रो. मनोहर लाल आर्य, प्रो. विजयपाल प्रचेता, प्रो. बलवीर आचार्य, प्रो. मुरली कृष्णा, प्रो. मधुकेश्वर भट्ट, आचार्य भवेंद्र की उपस्थिति रहेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला