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- सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा करते हुए सटीक सटीकता के साथ लक्ष्य बिंदु पर पहुंची मिसाइल
नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। भारत ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 'प्रलय' मिसाइल प्रणाली की अधिकतम और न्यूनतम सीमा क्षमता का सत्यापन करने के लिए दो उड़ान परीक्षण किए। नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के कलाम द्वीप से किया गया। मिसाइलों ने निर्धारित प्रक्षेप पथ का सटीक अनुसरण किया और सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा करते हुए सटीक सटीकता के साथ लक्ष्य बिंदु पर पहुंची।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस मिसाइल को विकसित किया है, जिसका परीक्षण रेंज 475 किलोमीटर तक था। सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 500 किमी. तक है। इस मिसाइल को पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर तैनात किये जाने की मंजूरी सरकार से मिल चुकी है। मिसाइल की जद में पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस और महत्वपूर्ण चीनी ठिकाने आएंगे। इस मिसाइल को उच्चस्तरीय दुश्मन ठिकानों, जैसे हवाई अड्डे, आपूर्ति डिपो और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले के लिए डिजाइन किया गया है।
डीआरडीओ ने 28 जुलाई को भी बैलिस्टिक मिसाइल का मूल्यांकन परीक्षण किया था। लगातार दोनों दिन मिसाइल ने 475 किमी. तक की रेंज में अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। इस दौरान कई उपकरणों के जरिए तट रेखा से इसके प्रक्षेपण की निगरानी की गई। मिसाइल ने उच्च डिग्री की सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य को निशाना बनाया। मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने भी संतोषजनक प्रदर्शन किया। सभी सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक करके सभी घटनाओं को कैप्चर किया। सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 500-1000 किलोग्राम का भार वहन करने में सक्षम है। इसे मोबाइल लॉन्चर से भी लॉन्च किया जा सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रलय मिसाइल प्रणाली के सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह मिसाइल खतरों के विरुद्ध हमारे सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम